आपको पता ही होगा की पूरी दुनिया आज कल अचानक से उत्पन्न हुई वैश्विक महामारी (कोरोना वायरस) से जूझ रही है। जिससे की दुनिया भर में शेयर बाजारो में भारी गिरावट देखने को मिली। अथवा वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के बयान के बाद दुनिया भर के शेयर बाजारों में कमी देखने को मिल रही है। जिसका सीधा असर भारत के शेयर बाजार में भी देखने को मिल रहा है। अथवा जीएसटी संग्रह, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग सेक्टर और आईटी सेक्टर में अच्छी खासी गिरावट के साथ उन्हें कारोबार करना पड़ रहा है। तो आज के लेख में हम शेयर बाजार में कोरोना वायरस से आई गिरावट के बारे में बताने जा रहे है। तो चलिए शुरू करते है।
अथवा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनवायरस के प्रकोप को महामारी करार दिया है। संक्रमण की संख्या मध्य पूर्व और इटली में बढ़ी है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोप से अमेरिका के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाया है। यह देखना दिलचस्प है कि बाजार इस विकास पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे।
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
शेयर बाजार भारी गिरावट की ओर
आपको याद होगा की भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंन्द्र मोदी ने मार्च महीने में कोरोना वायरस अर्थात वैश्विक महामारी की वजह से भारत देश में 21 दिनों का लॉक डाउन किया था। जिससे की शेयर बाजार भारी गिरावट की ओर बढ़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर के लगभग हर देश में सबसे अधिक व्यवसायों को प्रभावित किया है। वायरस के फैलने के बाद से शेयर बाजार को एक महत्वपूर्ण झटका लगा है। व्यापार गतिविधि ठप हो गई है, और बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक अपने बहु-वर्षीय चढ़ाव में गिर गए हैं।
चलिए हम कुछ उदाहरणों की सहायता से आपको समझाने का प्रयास करते है:-
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 372.87 अंको की गिरावट के साथ 39516.09 अंको पर कारोबार कर रहा है।
- वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50113.50 अंको की गिरावट के साथ 11565.00 अंको पर कारोबार कर रहा है।
- बीएसई स्मॉल कैप में 93.48 अंक की गिरावट हुई है।
- बीएसई मिड-कैप 94.12 अंको की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
- अथवा सीएनएक्स मिडकैप 108.60 अंको की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
ऑटो, बैंकिंग और आईटी सेक्टर में गिरावट
आज सेक्टोरल इंडेक्स भी बड़ी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। बीएसई ऑटो में 161.96 अंको की गिरावट देखने को मिल रही है। वही बैंक एक्सचेंज 208.40 और बैंक निफ्टी 215.35 अंको की गिरावट के साथ कारोबार करने में लगा हुआ है। अथवा बीएसई आईटी 150.60 अंको की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। कैपिटल गुड्स 25.76, बीएसई एफएमसीजी 50.27, बीएसई हेल्थकेयर 69.92, बीएसई मेटल 89.43, तेल और गैस 61.00, बीएसई पीएसयू 32.30 और बीएसई टेक 69.94 अंको की गिरावट देखने को मिल रही है। अथवा कंजूमर दूरेबल्स सेक्टर में 57.95 अंको की बड़ाहट देखने को मिल रही है।
बढ़त वाले शेयर बाजार
पहले बात बढ़त वाले शेयर बाजार की बात करते है तो, यस बैंक के शेयरों में 2.74 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है। अथवा टाइटन कंपनी 0.81, एनटीपीसी 0.64, नेस्ले इंडिया 0.41, और कोटक महिंद्रा बैंक 0.28 फ़ीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है। वहीं सिप्ला के शेयरों में 2.91 फ़ीसदी, एचसीएल टेक्नोलॉजी 1.58, फ़ीसदी जेएसडब्लू स्टील 1.53 फ़ीसदी, विप्रो 1.52 फ़ीसदी और एचडीएफसी बैंक 1.49 फीसदी की गिरावट देखने को भी मिल रही है।
गिरावट वाले शेयर बाजार
पिछले कई हफ्तों में, दुनिया भर के वित्तीय बाजार बेहद अप्रत्याशित रहे हैं। मार्च के महींने में बीएसई बैरोमीटर (30-शेयर) से 153.27 अंक या 0.40% कम होकर 38,144.02 पर बंद हुआ और निफ्टी 69 अंक या 0.62% की गिरावट के साथ 11,132.75 पर बंद हुआ। सेंसेक्स 1300 अंक के उच्च स्तर से गिर गया। साप्ताहिक या मासिक समय-सीमा जैसे दीर्घकालिक चार्ट बताते हैं कि 11,000-10900 एक अच्छा बाजार समर्थन क्षेत्र होगा, और अगले कुछ सत्रों में इन क्षेत्रों में बहुत कम वृद्धि होने की संभावना है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई दोनों निफ्टी और सेंसेक्स सूचकांकों के बाजार में खुलने के कुछ मिनटों के भीतर 10% तक गिर गए। ऐसा 2008 के बाद से यह पहली बार है कि बिकवाली कम सर्किट का कारण बना है।
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 5 लाख करोड़ रुपये की निवेशक पूंजी, लॉन्च के 15 मिनट के भीतर – 4 लाख करोड़ रुपये मिटा दी गई। भारतीय शेयर छठी बार एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 3.2% गिरकर और एनएसई निफ्टी 50 गिरकर 3.31% पर बंद हुआ। विश्लेषकों के मुताबिक, निफ्टी 50 का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स 30 से ज्यादा बिकने वाले सेक्टर गिरकर नीचे आ गया है।
भारतीय शेयर बाजार से एफपीआई की निकासी?
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अब तक मार्च में भारतीय बाजार से 37,976 करोड़ रुपये निकाले हैं, जो वैश्विक मंदी की आशंका के कारण कोरोना वायरस (वैश्विक महामारी) के कारण हुआ है। इससे अधिक मात्रा में भारत देख के शेयर बाजार पर भारी प्रभाव देखने को मिला है।
विदेशी निवेशक उभरते हुए बाजारों जैसे कि भारत में निवेश के विकल्प जैसे डॉलर-संपत्तित परिसंपत्ति वर्ग और सोना जैसे निवेश फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज से बच गए हैं। चूंकि कोरोना वायरस नाम की महामारी की वजह से सीमा को पार करता है और अन्य राष्ट्रों को भी प्रभावित करता है, इसलिए यह पहले से ही धीमी हो रही है। अथवा वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारत जैसे उभरते बाजारों में अंतरराष्ट्रीय प्रवाह पर अधिक गंभीर प्रभाव डाल सकता है। जिससे की भारत देश को कोरोना वायरस से शेयर बाजार में आई भारी गिरावट का सामना करना पड़ेगा।
कोरोना से शेयर बाजार में आई गिरावट:- निष्कर्ष
पूरी दुनिया में छाई वैश्विक महामारी जिसे कोरोना वायरस नाम से जाना जा रहा है, इस महामारी ने दुनिया भर में आतंक मचा रखा है, जिससे की ज्यादातर देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इससे की सेयर बाजार में एक दम से भारी गिरावट देखने को मिली है। यह भारत में ही नहीं बल्कि, दुनिया भर में शेयर बाजारों में कमी देखने को मिली है। जिससे की भारत देश की आर्थिक स्थिति तेजी से गिर गई है। आज भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन की अवधि 3 मई तक कर दी है। अब देखना यह है की कोरोना वायरस से शेयर बाजार में और कितनी गिरावट देखने को मिलेगी।