जीएसटी एडवांस रूलिंग क्या होती है? अथवा इसकी प्रक्रिया क्या है- जानिए

जीएसटी के तहत कोई भी पंजीकृत व्यक्ति अगर किसी भी परेशानी का शिकार है, और उसे उसका हल नहीं मिल रहा है, तो निश्चिंत हो जाइये ! क्योकि, जीएसटी परिषद के द्वारा एक शासन (जीएसटी एडवांस रूलिंग) पारित किया गया है। अग्रिम शासन को ज्यादातर करदाताओं के अनुकूल बनाया गया है। अथवा यह शासन करदाताओं को जीएसटी देयता के लिए अग्रिम योजना बनाने में मदद करती है। तो आज के लेख में हम इसी शासन के बारे में चर्चा करने वाले है। इसमें हम जानेंगे की, जीएसटी एडवांस रूलिंग का इतिहास क्या है? एडवांस रूलिंग क्या होती है? इसकी आवश्यकता क्यों है? तथा जानिए अग्रिम शासन की प्रक्रिया कैसे होती है?

जीएसटी में एडवांस रूलिंग क्या होती है?
जीएसटी में एडवांस रूलिंग क्या होती है?

एडवांस रूलिंग का इतिहास

1993 में, आयकर अधिनियम की धारा 245N से 245R में अग्रिम नियमों के प्रावधान किए गए थे। एडवांस रूलिंग टैक्स कानूनों की एक लिखित व्याख्या है। यह अधिकारियों और व्यक्तियों के लिए प्राधिकरण शासन द्वारा जारी किया जाता है जो कुछ कर मामलों के स्पष्टीकरण का अनुरोध करते हैं। एडवांस सत्तारूढ़ अक्सर अनुरोध करते हैं कि करदाता के पास कुछ प्रावधानों के बारे में स्पष्टता नहीं है। प्रस्तावित गतिविधि शुरू करने से पहले अग्रिम कर निर्धारण लागू होता है।

जीएसटी एडवांस रूलिंग (अग्रिम शासन)

जीएसटी के तहत एडवांस रूलिंग को ज्यादातर करदाताओं के अनुकूल बनाया गया है। अग्रिम शासन करदाताओं को जीएसटी देयता के लिए अग्रिम योजना बनाने में मदद करती है। एक अग्रिम शासन करदाता और सरकार दोनों के लिए बाध्यकारी है। इसलिए, महंगे मुकदमों से बचने के लिए करदाता द्वारा अग्रिम नियम का भी उपयोग किया जा सकता है। सेवा कर के तहत अग्रिम नियम की तुलना में जीएसटी के तहत अग्रिम नियम का एक बड़ा फायदा यह है कि जीएसटी के तहत, एक अपीलकर्ता द्वारा प्रस्तावित लेनदेन के साथ-साथ पहले से किए गए लेनदेन पर एक अग्रिम निर्णय प्राप्त किया जा सकता है।

वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के अनुसार, माल और सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित प्रश्नों पर कर अधिकारियों द्वारा एक आवेदक को दिया गया अग्रिम निर्णय एक लिखित निर्णय होता है। यह कर अधिकारियों द्वारा निगमों और व्यक्तियों को जारी किया जाता है जो कुछ कर मामलों के स्पष्टीकरण के लिए अनुरोध करते हैं।

जब करदाता भ्रमित होता है और कुछ प्रावधानों के बारे में अनिश्चित होता है, तो एक अग्रिम शासन (एडवांस रूलिंग) का अनुरोध किया जाता है। और एडवांस रूलिंग के तहत, कोई भी प्रस्तावित गतिविधि शुरू करने से पहले, आपको अग्रिम कर निर्धारण के लिए आवेदन करना होता है।

उदाहरण के लिए, आयकर विभाग के तहत, अंतर्राष्ट्रीय कराधान में अग्रिम कर उपलब्ध होता है। यह गैर-निवासियों को उनकी आयकर देयता का पता लगाने में मदद करता है, उनके आयकर की अग्रिम योजना बनाना और लंबे समय से खींचे गए और महंगे कानूनी विवादों से बचना है।

जीएसटी एडवांस रूलिंग की धारा

  • वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत, एडवांस रूलिंग को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 95 (ए) के तहत परिभाषित किया गया है। अग्रिम शासन का अर्थ है प्राधिकरण द्वारा लिखित निर्णय या, जैसा भी मामला हो, मामलों में आवेदक के लिए अपीलीय प्राधिकारी या धारा 97 या उप-धारा (1) के उप-खंड (2) में निर्दिष्ट प्रश्नों पर जैसा कि मामला हो सकता है, माल या सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में या आवेदक द्वारा बनाया या प्रस्तावित किया जा सकता है।
  • आपूर्ति के संबंध में अग्रिम निर्णय के लिए आवेदन। ले जाया जा रहा है ‘। इस प्रकार, एक व्यक्ति एक गतिविधि के संबंध में भी आवेदन कर सकता है जो वह पहले से कर रहा है।
  • आवेदक को शुल्क के साथ आवेदन करना होगा, जिस पर अग्रिम फैसला करना है।

जीएसटी अग्रिम शासन की आवश्यकता क्यों है?

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के तहत, किसी भी उन्नत शासन (एडवांस रूलिंग) का उद्देश्य या आवश्यकता नीचे दिए गए निम्नलिखित बिंदुओं को समझा जाता है।

  • आवेदक द्वारा की गई भविष्य की गतिविधि के संबंध में कर दायित्व के लिए अग्रिम में निश्चितता प्रदान करें।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करना:- कर निर्धारण को स्पष्ट करना और एफडीआई की भविष्य की कर देयता की स्पष्ट तस्वीर दिखाना। स्पष्टता और स्वच्छ कराधान गैर-निवासियों को आकर्षित करेगा जो गंदे कर विवादों में शामिल नहीं होना चाहते हैं।
  • मुकदमेबाजी और महंगे कानूनी विवादों को कम करें।
  • समयबद्ध, पारदर्शी और किफायती तरीके से निर्णय लें।

जीएसटी अग्रिम रूलिंग के लाभ

जीएसटी के तहत अग्रिम शासन के कुछ निम्नलिखित लाभ होते है। एक-एक करके इन लाभों को आप नीचे देख सकते है:-

  • आवेदक द्वारा की जाने वाली प्रस्तावित गतिविधि के संबंध में कर देयता और माल या सेवा के वर्गीकरण पर स्पष्टता प्रदान करना।
  • अस्पष्टता के प्रारंभिक चरण में मुकदमेबाजी कम करें।
  • आवेदक के लिए एक समाधान के साथ आवेदन का प्रारंभिक निपटान।
  • क्या आवेदक को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया जा सकता है।
  • उच्चारण पारदर्शी और उचित रूप से करें।
  • शासन की अग्रिम मांगों में उच्च लागत शामिल नहीं है।

जीएसटी अग्रिम शासन के लिए कब अनुरोध करें?

माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 97 (2) के अनुसार, कोई भी करदाता उन्नत शासन (एडवांस रूलिंग) के लिए अनुरोध कर सकता है जब वह प्रावधानों से अनिश्चित हो:-

संबंधित अधिकारी, क्षेत्राधिकार अधिकारी या आवेदक CGST अधिनियम, 2017 की धारा 98 (4) के तहत उल्लिखित किसी भी अग्रिम निर्णय से दुखी होकर CGST अधिनियम, 2017 की धारा 100 (1) के तहत अपीलीय प्राधिकरण में अपील कर सकते हैं

जीएसटी एडवांस रूलिंग नियमों के लिए प्राधिकरण

सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 96 अग्रिम प्राधिकरण के लिए प्राधिकरण को निम्नानुसार परिभाषित करती है:-

  • राज्य माल और सेवा कर अधिनियम या केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित अग्रिम शासन के लिए प्राधिकरण को उस राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में अग्रिम शासन के लिए प्राधिकारी माना जाएगा।
  • प्रत्येक राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में अग्रिम शासन के लिए प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। सरकार अधिकारियों को एडवांस रूलिंग के अधिकारियों के रूप में नियुक्त करेगी और सीजीएसटी नियमों, 2017 के नियम 103 के अनुसार संयुक्त आयुक्त के पद से नीचे नहीं होगी।
  • प्राधिकरण के अग्रिम आदेश के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 98 में संदर्भित प्रक्रिया।

जीएसटी एडवांस रूलिंग के लिए आवेदन प्रक्रिया?

वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत, एडवांस रूलिंग (उन्नत शासन) की प्रक्रिया आप ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल की सहायता से बड़ी आसानी से कर सकते है। इसके लिए आपको सबसे पहले भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई वेबसाइट https://www.gst.gov.in/ पर जाना होगा। इसके बाद निम्नलिखित चरणों को पूरा करना होगा। हम नीचे इन सभी चरणों के बारे में विस्तार से एक-एक करके बताने जा रहे है।

ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल
ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल

1. ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल

एक बार वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद, अब आप ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल पर पहुंच जायेंगे। इसके बाद पंजीकृत व्यक्ति को अपना जीएसटी अकाउंट ओपन करना होगा। आप उसे लॉगिन कर लीजिये।

2. services (सर्विसेज) विकल्प

एक बार जीएसटी अकाउंट लॉगिन करने के बाद, अब आपको ऊपर एक नीले रंग की विकल्प पट्टी दिखाई दे रही होगी। आप नीचे चित्र की सहायता से भी देख सकते है। उस विकल्प पट्टी में एक विकल्प विकल्प services नाम का दिखाई दे रहा होगा। आपको उसी विकल्प पर क्लिक करना है।

सर्विसेज ऑप्शन

3. User services विकल्प

एक बार services विकल्प पर क्लिक करने के बाद, आपके सामने कुछ नए विकल्प देखने को मिलेंगे। आप नीचे चित्र की मदद से भी देख सकते है। उन सभी विकल्पों में से एक विकल्प यूजर सर्विसेज नाम का दिखाई के रहा होगा। हमने चित्र में लाल रंग के बॉक्स में दर्शाया है। आप देख सकते है।

4. my application विकल्प

यूजर सर्विसेज विकल्प पर क्लिक करने के बाद, अब आपको कुछ और नए और विकल्प देखने को मिलेंगे। आप नीचे चित्र की सहायता से भी देख सकते है। इस सभी विकल्पों में से एक विकल्प my application नाम का दिखाई दे रहा होगा। आपको इसी विकल्प पर क्लिक करना है। क्लिक करने के बाद, एक नया पेज खुलकर सामने आएगा। जिसमे की कुछ विकल्पों को आपको भरना होगा। हमने इन सभी विकल्पों को नीचे दर्शाया है।

my application विकल्प
my application विकल्प

i. application type विकल्प

My application पेज पर आने के बाद, सबसे पहले विकल्प आपको एप्लीकेशन टाइप नाम का दिखाई देगा। इसके नीचे एक ड्राप डाउन मेनू दिखाई दे रहा होगा। जिसमे से आपको ऍप्लिकेशन प्रकार के विकल्प को चुनना होगा। हमने यहाँ पर एडवांस रूलिंग नाम के विकल्प को चुना है।

application type विकप
application type विकप

ii. From date मेनू

ऍप्लिकेशन टाइप विकल्प के ठीक बराबर में आने पर आपको दो विकल्प दिखाई देंगे। पहला है, from date मेनू जिसमे की आपको जिस तारीख से एडवांस रुईलिंग करना है उस तारीख की तिथि को भरना है। दूसरा है, To date मेनू इसमें आपको कब तक उन्नत शासन का इस्तेमाल करना है, उस तारीख की तिथि भरनी होगी।

iii. NEW APPLICATION बटन

ऊपर के तीनो विकल्प को सही से भरने के बाद, एक बार चेक क्र लीजिये कही आपने विकल्पों को गलत तो नहीं भर दिया है। एक बार पुस्टि करने के बाद, सबसे नीचे आने पर दो बटन नीले रंग के दिखाई दे रहे होंगे। उन दोनों बुतों में से एक बटन न्यू ऍप्लिकेशन नाम का बटन दिखाई दे रहा होगा। इसी पर क्लिक करें। आप नीचे चित्र की सहायता से भी देख सकते है।

NEW APPLICATION बटन
NEW APPLICATION बटन

iv. Deposit in cash ledger बटन

न्यू एप्लीकेशन बटन पर क्लिक करने के बाद, अब आपको एक नया पेज देखने को मिलेगा। जिसमे की आपको एसजीएसटी, सीजीएसटी, आईजीएसटी तीन विकल्प दिखाई दे रहे होंगे। अपने अनुसार इनको भरिये। यहाँ हमने एसजीएसटी की सहायता से समझने का प्रयास किया है। इसमें अब आपको एसजीएसटी के तहत अपनी राशि भरनी होगी। जैसा की नीचे चित्र की मदद से 5000 रुपए की राशि को भरा है। इतना करने के बाद, नीचे आपको कैश बुक में जमा करें नाम का बटन दिखाई दे रहा होगा। आपको उसी बटन पर क्लिक करना है।

Deposit in cash ledger बटन
Deposit in cash ledger बटन

v.Tax Liability पेज

ऊपर कैश बुक में जमा करने के बाद, अब बुत्तोंब पर क्लिक करने के बाद, अब आपके सामने एक नया पेज खुलकर सामने आएगा। आप नीचे चित्र की सहायता से भी देख सकते है। इस पेज में आने पर आपको कुछ विकल्प टेबल की फॉर्म में दिखाई दे रहे होंगे। वित्त दायित्व को अपने हिसाब से भरिये।

5. E-Payment ऑप्शन

Tax Liability पेज पर सबसे नीचे आने पर भुगतान के कुछ प्रकार दिखाई दे रहे होंगे। उनमे से एक भुगतान विकल्प ई-पेमेंट नाम का दिखाई दे रहा होगा। अब आपको इसी पर क्लिक करना है। इस पर क्लिक करने के बाद, इसी पेज में दायी और जाने पर generate challan नाम का बटन दिखाई दे रहा होगा। अब आपको उसी बटन पर क्लिक करना है।

E-Payment ऑप्शन
E-Payment ऑप्शन

6. Payment summary पेज

E-payment ऑप्शन चुनने के बाद आपको अब पेमेंट करना होगा। एक बार पयेमंत हो जाने के बाद, अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। जिसमे की एक मैसेज आपका भुगतान सफलतापूर्वक पूरा हो गया है नाम का प्रदर्शित होगा। इतना हो जाने के बाद, आपको सबसे नीचे दिखाई दे रहा बटन Continue नाम के बटन पर क्लिक करना होगा।

7. Advance ruling application पेज

ऊपर आपने देखा की आपका पेमेंट हो गया है। इसके बाद, अब आपके सामने एक नई विंडो एडवांस रूलिंग ऍप्लिकेशन नाम की खुलेगी। जिसमे की आपको पंजीकृत व्यक्ति की पूरी जानकारी देखने को मिलेगी। इस पेज में आने पर आपको कुछ ऑप्शन पहले से ही भरे हुए दिखाई देंगे। और कुछ विकल्पों को आपको भरना होगा। जैसे की:-

  • correspondence address (पत्राचार का पता) विकल्प भरिये।
  • nature of the activity (गतिविधि की प्रकृति) विकल्प भरिये।
  • issues on which advance ruling required (जिन मुद्दों पर अग्रिम शासन की आवश्यकता है) विकल्पों को चुनिए।
  • details of the advance ruling application (अग्रिम शासन आवेदन का विवरण) विकल्प को भरिये।
  • upload supporting documents (सहायक दस्तावेज़ अपलोड करें) विकल्प में दस्तावेज अपलोड करें।

8. Declaration (घोषणा) विकल्प

एडवांस रूलिंग ऍप्लिकेशन पेज पर सबसे नीचे आने पर आपको डेक्लेरेशन (घोषणा) नाम का विकल्प दिखाई देगा। आप नीचे चित्र की सहायता से भी देख सकते है। दो विकल्प के सामने आपको सही (✓) का निशान लगाना है। इसके बाद, नीचे आने पर verification (सत्यापन) करने के लिए आपको एक टिप्पड़ी के सामने सही का निशान लगाना है। आप नीचे चित्र में देख सकते है।

i. Name of authorized signatory विकल्प

ऊपर सत्यापन को टिक करने के बाद, अब आपको थोड़ा और नीचे आना होगा। नीचे आने पर अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम नाम का ऑप्शन दिखाई दे रहा होगा। अब आपको उसे भरना है।

ii. Place (जगह)

अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम, वाले ऑप्शन को भरने के बाद, अब आपको बिलकुल इसके सामने आना होगा। एक प्लेस नाम का विकल्प दिखाई देगा। उसे भरिये।

iii. Proceed to file बटन

घोषणा विकल्प को ठीक तरह से भरने के बाद, इसी पेज में आपको सबसे नीचे प्रोसीड टू फाइल बटन दिखाई दे रहा होगा। उसी पर क्लिक करें।

9. Warning (चेतावनी) पेज

ऊपर घोषणा विकल्प को सही तरके से भरें। एक बार उसे चेक भी कर लीजिये। उसके बाद, प्रोसीड बटन पर क्लिक करने के बाद, आपके सामने एक नया पेज खुलकर सामने आएगा। इस पेज में नीचे आने पर आपको दो बटन दिखाई दे रहे होंगे। पहला है, submit with DSC दूसरा है, submit with EVC बटन। आपको किसी एक बटन को चुनकर इस चेतावनी मैसेज को सत्यापन करें।

हमने यहां पर ईवीसी बटन को चुना है। इसकी सहायता से हमने यहाँ पर सत्यापन किया है। ईवीसी बटन पर क्लिक करने के बाद, एक विंडो खुलेगी जिसमे की आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आया होगा। उसे इस विंडो में भरिये।

10. Acknowledgement (स्वीकृति) विंडो

एक बार ईवीसी बटन पर जाने के बाद, ओटीपी नंबर दर्ज करें। उसके बाद आपके सामने एक नई विंडो Acknowledgement (स्वीकृति) विंडो खुलकर सामने आएगी। जिसमे की एक मैसेज जीएसटी एडवांस रूलिंग सबिमट होने का दिखाई देगा। आप नीचे चित्र की सहायता से भी देख सकते है।

इस चित्र में आपको कुछ जानकारी देखने को मिलेगी। जैसे की ARN नंबर, फॉर्म भरने की तारीख, जीएसटीआईएन नंबर, पंजीकृत व्यक्ति का नाम आदि जैसी जानकारी देखने को मिलेंगी। इसी पेज में सबसे नीचे आने पर आपको एक बटन download नाम का दिखाई दे रहा होगा। इस डाउनलोड बटन पर क्लिक करके आप इस एडवांस रूलिंग स्वीकृति फॉर्म को डाउनलोड भी कर सकते है।

11. Go to my application विकल्प

Acknowledgement (स्वीकृति) विंडो पर जाने के बाद, सबसे दाई और एक लिंक दिखाई दे रही होगी जिसका नाम गो टू माई ऍप्लिकेशन है। इस लिंक पर क्लिक करिये। इस लिंक से आप अपने एडवांस रूलिंग ऍप्लिकेशन को देख सकते है।

इसके लिए आपको नीचे दिए गए चित्र में ऍप्लिकेशन टाइप अथवा फॉर्म भरने की तारीख दर्ज करनी होगी। इसके बाद, नीचे search बटन पर क्लिक करना है। इसके बाद आपको अपना फॉर्म नीचे दिखाई देगा। आप चित्र की सहायता से भी देख सकते है।

एडवांस रूलिंग करने हेतु अपीलीय प्राधिकारी से अपील

  • एसजीएसटी या यूजीएसटी के प्रावधानों के तहत गठित एडवांस रूलिंग के लिए अपीलीय प्राधिकारी को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 99 के अनुसार उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के संबंध में एक अपीलीय प्राधिकरण माना जाएगा।
  • सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 101 के अनुसार, संबंधित अधिकारी, क्षेत्राधिकार अधिकारी या आवेदक धारा 98 की उप-धारा (4) के तहत उल्लिखित किसी भी अग्रिम निर्णय से नाखुश होकर अपीलीय प्राधिकरण को अपील कर सकते हैं।
  • प्रत्येक अपील उस तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर दायर की जाएगी जिस दिन नियम के खिलाफ अपील की जानी है।
  • एक अपील इस प्रकार की जाएगी:-
    • जीएसटी ARA- 02 के रूप में आवेदक की फीस के साथ 10,000 रु है।
    • फॉर्म GST ARA- 03 में संबंधित अधिकारी या क्षेत्राधिकार अधिकारी द्वारा कोई शुल्क नहीं।
  • अपील प्राधिकारी पक्षों को अपील या सुनवाई के अवसर का उल्लेख करने के बाद, इस तरह के आदेश को पारित कर सकता है, जैसा कि वह सोचता है, पुष्टि या सत्तारूढ़ के खिलाफ अपील या संशोधन को संदर्भित करता है।
  • अपील दायर करने की तारीख से 90 दिनों की अवधि के भीतर आदेश पारित किया जाएगा।
  • जहां अपील या संदर्भ में संदर्भित किसी भी बिंदु पर अपीलीय प्राधिकारी के सदस्य अलग-अलग होते हैं, यह माना जाएगा कि अपील या संदर्भ के तहत प्रश्न के संबंध में कोई अग्रिम आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।
  • सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 101 (4) और सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 107 के अनुसार, अग्रिम प्राधिकारी के लिए अपीलीय प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट अग्रिम नियम की एक प्रति और सदस्यों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित को भेजा जाएगा-
    • आवेदक और अपीलकर्ता।
    • केंद्रीय कर और राज्य या संघ राज्य कर के संबंधित अधिकारी।
    • केंद्रीय कर और राज्य या संघ राज्य कर के क्षेत्राधिकार अधिकारी।
    • अफ़सर।

जीएसटी अग्रिम शासन का संशोधन

  • प्राधिकरण या अपीलीय प्राधिकरण धारा 98 या धारा 101 के तहत पारित किसी भी आदेश में संशोधन कर सकता है, ताकि रिकॉर्ड में आई किसी भी त्रुटि को ठीक किया जा सके। यदि इस तरह की त्रुटि को प्राधिकरण या अपीलीय प्राधिकारी द्वारा अपने आधार पर देखा जाता है, या संबंधित अधिकारी, क्षेत्राधिकार अधिकारी, आवेदक या अपीलकर्ता द्वारा आदेश की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर इसकी सूचना पर लाया जाता है।
  • कोई भी सुधार जिसमें कर देयता बढ़ाने या स्वीकार्य इनपुट टैक्स क्रेडिट की मात्रा को कम करने का प्रभाव नहीं होगा, जब तक कि आवेदक या अपीलकर्ता को सुनवाई का अवसर नहीं दिया जाता है।

एडवांस रूलिंग की मैनुअल फाइलिंग प्रक्रिया

  • इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग पर लागू सभी प्रावधान म्यूटेटस म्यूटेंडिस के मैनुअल फाइलिंग पर भी लागू होंगे।
  • मैन्युअल फाइलिंग प्रक्रिया CBE और C परिपत्र संख्या 25/25/2017-GST dtd में निर्धारित की गई है।
    • जीएसटी एआरए -01 फॉर्म में चौपाइयों में आवेदन किए जाएंगे।
    • उस प्रश्न का स्पष्ट रूप से उल्लेख करें जिस पर अग्रिम शासन की मांग है।
    • आवेदन शुल्क के साथ 5,000 रु प्रत्येक कर। (शुल्क ऑनलाइन जमा करना आवश्यक है)।
    • आवेदन सत्यापन में निहित है और सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  • अपीलकर्ता द्वारा अपीलकर्ता प्राधिकारी के पास अपील का फॉर्म और अपील।
    • जीएसटी एआरए -02 में चौगुना आवेदन किया जाएगा।
    • आवेदन शुल्क के साथ 10,000 रु है। (शुल्क ऑनलाइन जमा करना आवश्यक है)।
    • आवेदन सत्यापन में निहित है और सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  • संबंधित अधिकारी या क्षेत्राधिकारी अधिकारी द्वारा अपीलीय प्राधिकारी को अपील का फॉर्म और अपील
    • जीएसटी एआरए -03 में चौपाइयों में आवेदन किए जाएंगे।
    • अपील दायर करने के लिए उक्त कार्यालय द्वारा कोई शुल्क देय नहीं होगा।
    • आवेदन पर संबंधित अधिकारी या क्षेत्राधिकार अधिकारी या ऐसे अधिकारी द्वारा लिखित रूप में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।

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