जीएसटी ऑडिट क्या होता है?

जीएसटी के अनुसार अगर किसी भी व्यक्ति ने जीएसटी प्रक्रिया के तहत पंजीकरण करवा लिया है तो उस व्यक्ति को अपने खाते को चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) या सीएमए अकाउंटेंट (प्रमाणित प्रबंधन लेखाकार) की सहायता से लेखा परीक्षा करवाना होगा। हर पंजीकृत व्यक्ति को जीएसटी अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर एक जीएसटी ऑडिट से गुजरना पड़ता है। इस लेख में हम जानेंगे की ऑडिट क्या होता है? इसके कितने प्रकार होते है? और इसकी आवश्यकता क्यों होती है?

जीएसटी ऑडिट क्या होता है?
जीएसटी ऑडिट क्या होता है?

ऑडिट का मतलब?

ऑडिट (हिसाब-किताब की जांच) एक प्रकार का जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति के खाते की जानकारी अथवा हिसाब किताब की जाँच करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। इसका मतलब है की जीएसटी रिटर्न की जांच करवाने हेतु हम ऑडिट की सहायता ले सकते है। जीएसटी लेखा परीक्षा हर साल जीएसटी पंजीकृत व्यवसायों (जीएसटीआईएन) के लिए लागू होता है। जिनके पास वित्तीय वर्ष में माल या सेवाओं की बिक्री से 2 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होता है।

सीजीएसटी अधिनियम की धारा 13 की उपधारा 2 के अनुसार “ऑडिट” शब्द परीक्षा को संदर्भित करता है।अधिनियम के तहत पंजीकृत व्यक्ति द्वारा रिकॉर्ड या रिटर्न, और अन्य दस्तावेज रखे या दायर करना। अथवा उस समय के लिए जब जीएसटी या किसी अन्य कानून के तहत जीएसटी नियम या दिशा निर्देश लागू होते हैं।

जीएसटी के तहत ऑडिट के प्रकार कितने होते है?

जीएसटी ऑडिट के तीन प्रकार होते हैं, जो विभिन्न वर्गों में किए जाते हैं। आइये नीचे एक-एक करके इनके बारे में जानने की कोशिश करते है।

  1. जीएसटी के तहत अनुच्छेद (35 से 5) वार्षिक आय के आधार पर।
  2. सामान्य ऑडिट (लेखा परीक्षा) (अनुच्छेद 65)
  3. विशेष लेखा परीक्षा (अनुच्छेद 66)

नीचे हम बारी-बारी से इन तीनो प्रकारो के बारे में विस्तार से जानेंगे।

1. जीएसटी के तहत अनुच्छेद (35 से 5) वार्षिक आय के आधार पर

सीजीएसटी (केंद्रीय माल और सेवा कर) अधिनियम की धारा 35 की उपधारा (5) के तहत प्रत्येक पंजीकृत व्यक्ति, जिसका वित्तीय वर्ष के दौरान कुल कारोबार दो करोड़ रुपये से अधिक है, तो उसके खातों को संदर्भित किया जाएगा, अथवा उनके खातों का लेखा परीक्षा सीए (CA) या सीएमए (CMA) द्वारा की जाती है। इसके अतिरिक्त उन्हें FORM GSTR-9C में विवरण प्रस्तुत करना होगा।

सीजीएसटी अधिनियम के अनुच्छेद के तहत यह ऑडिट सीए (CA) या सीएमए (CMA) द्वारा की जाती है। यह उस स्थिति में किया जाता है जब जीएसटी में पंजीकृत व्यक्ति का टर्नओवर दो करोड़ से अधिक हो। इसमें कुल कारोबार की गणना पैन नंबर (स्थायी खाता संख्या) के आधार पर आधारित होगी, जिसका मतलब है कि एक बार पैन नंबर के तहत कारोबार अगर दो करोड़ रुपये से अधिक है। उस स्थिति में पैन नंबर के लिए, जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यक्ति की सालाना आय 2 करोड़ रूपए से अधिक पायी जाती है, तो व्यावसायिक संस्थाएँ वित्तीय वर्ष के लिए जीएसटी ऑडिट के लिए जिम्मेदार होंगी।

2. सामान्य ऑडिट (लेखा परीक्षा) (अनुच्छेद 65)

सामान्य ऑडिट जीएसटी प्राधिकरण द्वारा की जाती है। इस ऑडिट के लिए जीएसटी प्राधिकरण में जीएसटी आयुक्त या उसके द्वारा अधिकृत कोई भी अधिकारी शामिल हो सकता है। लेकिन सामान्य ऑडिट कराने के लिए, पंजीकृत व्यक्ति को कम से कम 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए। यह जानकारी जीएसटी आयुक्त अधिकारी के द्वारा फॉर्म GST ADT-01 के रूप में प्रदान की जाएगी।

यह ऑडिट पंजीकृत व्यक्ति के व्यवसाय के स्थान पर या जीएसटी प्राधिकरण के कार्यालय में किया जा सकता है। साथ ही, ऑडिट शुरू होने की तारीख से 3 महीनों के अंदर आयुक्त अधिकारी द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। हालाँकि, आयुक्त अधिकारी समय अवधि बढ़ाने का चयन कर सकता है। अगर उसे लगता है की ऑडिट 3 महीनों के भीतर पूरा नहीं किया जा सकता है। तो वह इस तरह के ऑडिट की अवधि को अधिकतम 6 महीने तक बढ़ा सकता है। इस प्रकार, वह लिखित में इस तरह के विस्तार के कारणों को दर्ज करने के बाद ऐसा कर सकता है। अंत में सामान्य ऑडिट के निष्कर्ष निकलने के 30 दिनों के अंदर, उपयुक्त अधिकारी द्वारा फॉर्म GST ADT-02 के रूप में संदर्भित व्यक्ति को ऑडिट करने के अधिकारों, दायित्वों और कारणों को बताना होगा।

3. विशेष ऑडिट (लेखा परीक्षा) (अनुच्छेद 66)

विशेष ऑडिट की जाँच एक जीएसटी अधिकारी जो की असिस्टेंट कमिश्नर से कम रैंक का नहीं होना चाहिए। उस अधिकारी के द्वारा विशेष ऑडिट की जाती है। उसे अगर लगता है की पंजीकृत व्यक्ति द्वारा मूल्य सही ढंग से घोषित नहीं की गयी है, या इनपुट टैक्स क्रेडिट सामान्य सीमा से बहार लिया गया है। तो वह अधिकारी विशेष ऑडिट के लिए आदेश दे सकता है। असिस्टेंट कमिशनर (सहायक आयुक्त) द्वारा ऑडिट के आदेश देने से पहले आयुक्त अधिकारी से अनुमोदन लेना होगा। उसके बाद ही उपयुक्त अधिकारी ऑडिट कर सकता है।

विशेष ऑडिट सीए (CA) या सीएमए (CMA) द्वारा आयोजित की जाती है। इसके बाद ऑडिट रिपोर्ट आयुक्त को प्रदान की जाएगी। यह रिपोर्ट ऑडिटर द्वारा विशेष ऑडिट पूरा होने के बाद 90 दिनों के अंदर दी जाएगी। अगर इस रिपोर्ट में कोई भी परेशानी है तो अधिकारी पर्याप्त कारण बताने पर इस अवधि को 90 दिनों तक और बढ़ाया जा सकता है। अंत में विशेष ऑडिट के निष्कर्ष निकलने की जानकारी पंजीकृत व्यक्ति को फॉर्म GST-ADT-04 के द्वारा सूचित किया जाएगा।

जीएसटी ऑडिट की आवश्यकता?

आप सोच रहे होंगे की जीएसटी ऑडिट की आवश्यकता आखिर क्यों पड़ती है? जीएसटी कानून के तहत ऑडिट (लेखा परीक्षा) करने के लिए जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा बनाए गए बिल के अभिलेख, जीएसटी रिटर्न और अन्य दस्तावेजों की जांच शामिल होती है। यह घोषित टर्नओवर की शुचिता, जीएसटी करों का भुगतान, रिफंड के लिए दावा इनपुट टैक्स क्रेडिट का आकलन करता है और एक अधिकृत अधिकारी के द्वारा जांच किए जाने के लिए जीएसटी अधिनियम के तहत इस तरह के अन्य अनुपालन का आकलन करता है।

आपको पता है की जीएसटी प्रक्रिया एक विश्वास-आधारित कराधान शासन है। जिसके अंतर्गत करदाता को अपनी कर देयता का भुगतान करने, करों का भुगतान करने और रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, यह पता लगाने के लिए की करदाता अपनी कर देयता को स्व-सत्यापित कर रहा है की नहीं, इसी लिए सरकार द्वारा जीएसटी के उचित कार्यान्वयन के लिए कई नियम लागू किये गए है, जिनमे से एक ऑडिट भी शामिल है।

जीएसटी ऑडिट के कारण?

यह समझना आवश्यक है कि यदि किसी कंपनी को जीएसटी ऑडिट के लिए चुना जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि कंपनी ने गलती की है या गलत तरीके से जीएसटी घोषित किया गया है। जीएसटी ऑडिट आपके जीएसटी कर रिटर्न में प्रस्तुत जानकारी की सटीकता की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। इसमें यह सुनिश्चित करना होता है की आपका व्यवसाय कर कानूनों का पालन करता है की नहीं, और आपके कर दायित्यो के साथ शिक्षित और सहायता करने के लिए मदद करता है। आपकी कंपनी निम्नलिखित परिस्थितियों में जीएसटी ऑडिट के अधीन हो सकती है। बारी-बारी से देखें।

  • यदि आपके पास एक उच्च बिक्री या इनपुट टैक्स क्रेडिट है।
  • यदि आपकी कंपनी को अनियत चयन प्रक्रिया में चुना गया है।

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