जीएसटी में पेनल्टी और अपील के बारे में जानिए

जीएसटी कानून ने अपराधों के विवरण और प्रत्येक परिदृश्य में लगाए गए जीएसटी पेनल्टी को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है। यह सभी व्यापार मालिकों, सीए और टैक्स प्रोफेशनल के लिए महत्वपूर्ण जानकारी है क्योंकि एक अनजाने में हुई गलती गंभीर परिणाम दे सकती है। तो आज के इस लेख में हम जीएसटी में पेनल्टी और अपील के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

जीएसटी में पेनल्टी क्या है?

वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत, पेनल्टी शब्द का मलतब हिंदी में जुर्माना से होता है। इस शब्द को विशेष रूप से जीएसटी में परिभाषित नहीं किया गया है, इसलिए यह विभिन्न न्यायिक घोषणाओं और न्यायशास्त्र के सिद्धांतों से समझा जा सकता है। पेनल्टी अर्थात, जुर्माना एक ऐसा कानून है जो कानूनी रूप से किसी अपराध के लिए लगाया जाता है या कोई भी जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यक्ति किसी प्रक्रिया को करने में विफल रहता है, तो ऐसी स्थिति में जीएसटी में पेनल्टी लगाई जाती है। अथवा कुछ नीचे दिए गए बिन्दुओ को आप देखिये की जुर्माना किस रूप में हो सकता है।

  • जुर्माना शारीरिक, आपराधिक या नागरिक रूप में हो सकता है।
  • जीएसटी के तहत कॉर्पोरल (जेल) और पीकुनरी (मौद्रिक) दोनों दंड लागू हैं।

जीएसटी और उनके अपराध के तहत जुर्माना क्या है?

अपराध का प्रकारपेनल्टी (जुर्माना) की राशि
जीएसटीआर दाखिल करने में देरी के लिए जुर्माना। लेट फीस के लिए 100 रु प्रति दिन प्रति कार्य। अथवा यह सीजीएसटी के तहत 100 रु और एसजीएसटी के तहत 100 रु है। कुल 200 रु दिन। और अधिकतम 5,000 रु। हालांकि आईजीएसटी में कोई लेट फीस नहीं है।
जीएसटीआर दाखिल नहीं करने पर पेनल्टी।10% कर देय या 10,000 रु जो भी अधिक हो।
धोखाधड़ी करने के लिए जुर्माना (पेनल्टी) 100% कर देय या 10,000 रु जो भी अधिक हो (उच्च मूल्य धोखाधड़ी के मामलों में भी जेल अवधि होती है)
किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी करने में मदद करने के लिए जुर्माना 25,000 रुपये तक का जुर्माना या पेनल्टी।
कंपोजिशन स्कीम में चयन के लिए जुर्माना, भले ही वह पात्र न होधारा 73 और 74 की मांग और वसूली प्रावधान लागू होंगे। धोखाधड़ी के मामले में 100% कर देय या 10,000 रु जो भी अधिक है।
गलत तरीके से जीएसटी दर वसूलने पर जुर्माना – अधिक दर वसूलना100% कर देय या 10,000 रु जो भी अधिक हो (यदि एकत्र किया गया अतिरिक्त जीएसटी सरकार के साथ जमा नहीं किया गया है)
चालान जारी नहीं करने पर जुर्माना100% कर देय या 10,000 रु जो भी अधिक हो।
जीएसटी के तहत पंजीकरण नहीं करने पर जुर्माना 100% कर देय या 10,000 रु जो भी अधिक हो।
गलत चालान के लिए पेनल्टी। 25,000 रुपये का जुर्माना।

ऐसी स्थितियाँ जहाँ कोई जीएसटी में पेनल्टी लागू नहीं है।

वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत आने वाली कुछ ऐसी भी स्थितियाँ होती है, जहाँ कोई भी जुर्माना लागू नहीं होता है। हालाँकि ऐसी स्थिति में ब्याज लागू हो सकता है। ऐसी ही कुछ स्थितियों को आप नीचे दर्शाई गई तालिका में देख सकते है।

अपराध का प्रकारकार्य
गलत प्रकार के जीएसटी (CGST / SGST के बजाय IGST) के लिए जुर्मानाकोई पेनल्टी नहीं। जीएसटी का सही भुगतान करें और पहले दिए गए गलत प्रकार के जीएसटी का रिफंड लें।
जीएसटीआर की गलत फाइलिंग के लिए जुर्माना। कोई पेनल्टी नहीं, लेकिन ब्याज 18% की राशि पर लगाया जायेगा।
चालान के भुगतान में देरी के लिए जुर्माना।6 महीने के भीतर जीएसटी भुगतान नहीं करने पर आईटीसी को रद्द कर दिया जाएगा
गलत तरीके से जीएसटी दर वसूलने का जुर्माना- कम दर वसूलनाब्याज 18% की कमी पर लागू होता है।

धोखाधड़ी के मामलों में जीएसटी में पेनल्टी

भारत देश में जीएसटी प्रणाली के तहत आने वाले एक अपराधी को चोरी, कम कटौती जैसी स्थिति में जीएसटी में पेनल्टी देनी होती है। जोकि 100 % जुर्माना अथवा 10,000 रुपये न्यूनतम के अधीन है। और उपरोक्त 21 अपराधों के लिए, धोखाधड़ी के मामलों के लिए, जुर्माना 100% (न्यूनतम 10,000 रुपये) होता है। इसी से सम्बंधित हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों को बताने जा रहे है। आप नीचे एक-एक करके इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।

1. जीएसटी के तहत किसी व्यक्ति की धोखाधड़ी करने में मदद करने के लिए दंड क्या है?

जीएसटी के तहत किसी भी पंजीकृत व्यक्ति को धोखाधड़ी करने में मदद करने के लिए दंड निश्चित है। बल्कि न केवल एक कर योग्य व्यक्ति ही नहीं लेकिन जो भी व्यक्ति नीचे दर्शाये गए निम्नलिखित कार्य करता है, उस व्यक्ति को 25,000 रु तक पेनल्टी चुकानी होती है।

  • जो भी व्यक्ति जीएसटी के तहत धोखाधड़ी करने में मदद करता है।
  • पूर्ण ज्ञान के साथ किसी भी सामान / सेवाओं को प्राप्त करता है जो कि जीएसटी नियमों का उल्लंघन है।
  • नोटिस प्राप्त करने पर कर प्राधिकरण के समक्ष उपस्थित होने में विफल रहता है।
  • जीएसटी नियमों के अनुसार चालान जारी करने में विफल।
  • किताबों में दिखाई देने वाले किसी भी चालान को खाते / वाउच करने में विफल रहता है।

2. क्या कोई जेल की सजा हैं?

जीएसटी में अगर किसी पंजीकृत व्यक्ति ने अगर किसी भी स्थिति में धोखाधड़ी की तो उसे जीएसटी की सजा भी हो सकती है। अर्थात: उच्च मूल्य धोखाधड़ी के मामलों के लिए जीएसटी में शारीरिक दंड (जेल) निम्नानुसार है:-

कर राशि शामिल100-200 लाख 200-500 लाख 500 लाख से ज्यादा
जेल की सजा1 वर्ष तक 3 वर्ष तक 5 वर्ष तक
पेनल्टीतीनों मामलों में लगेगी

ऊपर दर्शाई गई पेनल्टी किसी भी स्थिति में मौद्रिक दंड के साथ लागू होते हैं।

3. अन्य मामलों के लिए जीएसटी में पेनल्टी

धोखाधड़ी या कर चोरी का कोई इरादा छोड़कर किसी भी अन्य मामलों के लिए भी पेनल्टी भरनी पड़ सकती है। जैसे की, एक अपराधी जो कर का भुगतान नहीं करता है या कम भुगतान करता है, उसे देय कर राशि का 10% जुर्माना देना पड़ता है, जो न्यूनतम 10,000 रु के अधीन है।

इसलिए, यदि अपराधी जानबूझकर धोखाधड़ी करता है, तो कर की राशि का 100% जुर्माना या इससे अधिक भी हो सकता है। अथवा अन्य गैर-धोखाधड़ी के मामलों के लिए, जुर्माना 10% कर है।

जीएसटी के तहत मामूली उल्लंघन

जीएसटी में पेनल्टी के ये नियम आमतौर पर सभी कानूनों में समान हैं चाहे कर कानून या अनुबंध कानून या कोई अन्य कानून होता है। इन सभी कानूनों के लिए जीएसटी में पेनल्टी समान होती है।

  • जुर्माना करने वाले प्रत्येक कर योग्य व्यक्ति को पहले कारण बताओ नोटिस के साथ सेवा दी जाएगी और उसके पास सुनवाई का उचित अवसर होगा।
  • कर प्राधिकरण दंड और अपराध की प्रकृति के कारण को स्पष्ट करेगा।
  • जब कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से कानून के उल्लंघन का खुलासा करता है, तो कर प्राधिकरण जुर्माना कम करने के लिए इस तथ्य का उपयोग कर सकता है।

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