क्या होता है? जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म

जैसा कि हम जानते हैं कि जीएसटी एक विशाल कर प्रणाली है। जिसके तहत बहुत सारे नियम और कानून आते हैं। जो इसे विशिष्ट बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योगदान है। जीएसटी टैक्स के तहत जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज उन्हीं प्रक्रियाओं में से एक है। जिसके बारे में हम आज बात करते हैं। जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज एक साधारण प्रकिया है, जिसके अंतर्गत हम किसी खरीद-फरोख्त करते है, तो उसके लिए किया गया चार्ज जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज कहलाता है। तो आज हम इस लेख में बात करते है जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज क्या होता है? इसका क्या अर्थ होता है व इसकी प्रकिया क्या है? और जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज और रिवर्स चार्ज में क्या अंतर है ?

जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म
जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म

जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज क्या होता है?

वस्तु एवं सेवा कर के तहत फॉरवर्ड चार्ज वह प्रकिया है, इस प्रकिया के तहत जब कोई व्यक्ति विक्रेता से किसी वस्तु की खरीदारी करता है, तो विक्रेता उसकी खरीद पर जीएसटी वसूलता है और अपने पास रखता है। ऐसा ही वह हर क्रेता के साथ करता है। वह उनसे जीएसटी वसूलता है और अपने पास एकत्र करता है। और फिर बाद में उस एकत्र जीएसटी को सरकार को अदा करता है। इसको और अच्छे से समझने के लिए हम एक उदाहरण लेते है।

फॉरवर्ड चार्ज का उदाहरण

माना की आप एक कार निर्माण कंपनी चलाते है। और आप कार के पार्ट्स भी बेचते है। यदि कोई व्यापारी आता है और आपसे कुछ कार के पार्ट्स खरीदता है तो आपको उस पार्ट्स के मोल के साथ पार्ट्स के ऊपर लगने वाली जीएसटी को भी वसूलना है। और फिर आप उस वसूली हुयी जीएसटी को अपने पास अलग से रखेंगे और बाद में उस टैक्स को आप सरकार को अदा करना होता है।

वर्तमान कर प्रणाली के तहत, अधिकांश सभी सामान्य बिक्री लेनदेन फॉरवर्ड चार्ज के उदाहरण कहलाते है।

जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज का अर्थ क्या है?

गुड्स एंड सर्विस में फॉरवर्ड चार्ज या प्रत्यक्ष शुल्क वह प्रणाली है जहां आपूर्तिकर्ता माल / सेवा कर का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होता है। जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बना है, फॉरवर्ड + चार्ज। जहाँ फोरवोर्ड का मतलब होता है, सीधा या डायरेक्ट और चार्ज का अर्थ होता है, मूल्य। इन शब्दों के अर्थों के मेल-जाल से समझ आता है, की जीएसटी कर को सीधे रूप से सरकार को अदा करना होता है।

जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म क्या होता है?

जीएसटी के तहत प्रत्यक्ष शुल्क वह क्रियाविधि है, जिसके अंतर्गत आपूर्तिकर्ता को आपके द्वारा खरीद पर कर का भुगतान करने के लिए अधिकार होता है। और आपूर्तिकर्ता खरीदारों से उनकी खरीद पर टैक्स वसूलता है। और सरकार को जमा करता है। इस पूरी प्रकिया को जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म कहा जाता है। जीएसटी में फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म को आसानी से समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए है :

  • जैसा की आप जानते ही हैँ, की जो व्यक्ति सामान खरीदता है, उसे क्रेता कहा जाता है और जो सामान बेचता है, उसे विक्रेता कहा जाता है।
  • फॉरवर्ड चार्ज सिस्टम में टैक्स को जमा करने की जिम्मेदारी अलग-अलग लोगों की होती है।
  • फॉरवर्ड चार्ज सिस्टम के अंतर्गत जो व्यक्ति सामान खरीदता है, उसे जीएसटी टैक्स चुकाना पड़ता है। यह भुगतान वह उस दुकानदार या कारोबारी को करता है, जिस से सामान या वस्तु खरीदता है।
  • जिस व्यक्ति (विक्रेता) ने सामान बेचा है, उसे अपने ग्राहक (क्रेता) से जीएसटी वसूलकर रखनी होती है और फिर उसे सरकार के पास जमा कर देता है।

जीएसटी में रिवर्स चार्ज क्या है?

जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज वह प्रकिया जिसके अंतर्गत टैक्स अदा करने की पूरी प्रक्रिया उल्टी हो जाती है। इसीलिए इसे रिवर्स चार्ज कहते है। इस प्रक्रिया के अनुसार खरीदार ही जीएसटी टैक्स के भुगतान का जिम्मेदार होता है। जबकि सामन्य प्रक्रिया में जीएसटी टैक्स के भुगतान के जिम्मेदार वस्तु या सेवा देने वाले व्यापारी को करना होता है। इसे और अच्छे से समझने के लिए एक उदाहरण लेते है :

रिवर्स चार्ज का उदाहरण

जीएसटी नियम के अनुसार ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यापार का संचालन करना रिवर्स चार्ज के अंतर्गत आता है। जैसे की जब कोई व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन करता है, तो उस व्यापार को ई-कॉमर्स या ई-व्यवसाय कहते है। और उस व्यक्ति को ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स कहा जाता है। ई-कॉमर्स व्यापार के अंतर्गत केवल खरीदना और बेचना ही नहीं बल्कि ग्राहकों के लिये सेवाएं प्रदान करना व उसकी भागीदारी भी करना है।

  • ई-कॉमर्स में न तो सर्विस पाने वाला व्यक्ति सरकार को जीएसटी चुकाने का जिम्मेदार होता है और न ही सर्विस देने वाला व्यक्ति।
  • बल्कि, ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स को ही जीएसटी का भुगतान करना होता है।

जैसे की फ्लिपकार्ट एक ऑनलाइन शॉपिंग माध्यम है या ई-कॉमर्स व्यापार कह सकते है। जब हम इसके द्वारा कोई शॉपिंग करते है तो फ्लिपकार्ट हमको हमारी ज़रूरत के अनुसार सेवा प्रदान करता है और हम उस सेवा के बदले उसकी सेवा भुगतान करते है। और उस भुगतान के अंतर्गत जीएसटी रिवर्स चार्ज टैक्स शामिल होता है क्योकि फ्लिपकार्ट वह सेवा हमारे लिए किसी और अन्य कम्पनिया (Third-Party) से खरीदकर हमको प्रदान करता है। इसीलिए वह भुजतान जीएसटी रिवेस के तहत आता है। और यहाँ पर फ्लिपकार्ट जीएसटी रिवर्स चार्ज के तहत कार्य करता है।

जीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म क्या होता है?

जीएसटी रिवर्स चार्ज वह क्रियाविधि है, जिसके तहत खरीदार को जीएसटी वसूलने व जमा करने की अधिकार होता है। सामान बेचने वाले पर इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होती है। इस प्रक्रिया के तहत जब आप किसी वस्तु को खरदीते है, तो आपको ही जीएसटी का भुगतान सरकार को करना होता है। और इस पुरे प्रक्रम को जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म कहा जाता है। इस मैकेनिज्म को अच्छे से समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए है :

  • रिवर्स प्रकिया के तहत दो व्यापारियों के मध्य जो भी क्रय-विक्रय होता है। वह हमेशा पंजीकृत क्रेता और बिना पंजीकृत विक्रेता के मध्य ही होता है।
  • रिवर्स चार्ज प्रकिया के नियमानुसार जब कोई व्यक्ति सामान खरीदता है, तो उस व्यक्ति के पास ही जीएसटी वसूलने का उत्तरदायी होता है, न की सामान बेचने वाले (विक्रेता) की।
  • सामान खरीदने वाला व्यापारी, सामान बेचने वाले व्यापारी से जीएसटी वसूलता है, और अपने पास अलग से रखता है। ऐसा वह सभी के साथ करता है।
  • रिवर्स प्रकिया के अनुसार खरीदार (क्रेता) को खुद का जीएसटी बिल बना कर देना होता है।

फॉरवर्ड चार्ज और रिवर्स चार्ज के बीच अंतर

जैसा की आप लोग जानते ही होंगे अब की जीएसटी के तहत फॉरवर्ड चार्ज और रिवर्स चार्ज क्या होता है। अब हम बात करते है। जीएसटी फॉरवर्ड चार्ज व जीएसटी रिवर्स चार्ज के बीच क्या अंतर है। उनके विवरण के अनुसार उन में क्या अलग है। आइये तो देखते है :

क्रम संख्या विवरण फॉरवर्ड चार्ज रिवर्स चार्ज
1 अर्थ / मतलब फॉरवर्ड चार्ज एक ऐसा तंत्र है जहां वस्तुओं / सेवाओं का आपूर्तिकर्ता कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। रिवर्स चार्ज वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर जीएसटी इकट्ठा करने का एक तरीका है जहां सरकार को जीएसटी का भुगतान करने के लिए माल / सेवा का रिसीवर उत्तरदायी होगा।
2 कर देने योग्य फॉरवर्ड चार्ज के तहत किसी माल या सेवा पर लगने वाला जीएसटी कर के भुगतान की जिम्मेदारी आपूर्तिकर्ता पर होती है। रिवर्स चार्ज के अंतरगर्त किसी माल / सेवाओं या दोनों के ऊपर बनने वाले जीएसटी टैक्स के भुगतान की ज़िम्मेदारी रिसीवर पर होती है।
3 पंजीकरण फॉरवर्ड चार्ज के तहत आपूर्तिकर्ता को एक सीमा पूरी होने के बाद पंजीकरण की आवश्यकता होती है। रिवर्स चार्ज के तहत कर का भुगतान करने के लिए आवश्यक सभी व्यापारियों को जीएसटी के तहत खुद को पंजीकृत करना होगा। चाहे उनकी वार्षिक आये जीएसटी सीमा से कम क्यों हो
4 पूर्ति कर्ता एक आपूर्तिकर्ता केवल एक पंजीकृत आपूर्तिकर्ता हो सकता है। एक अपंजीकृत आपूर्तिकर्ता कर जमा नहीं कर सकता है। एक आपूर्तिकर्ता अधिसूचित वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के मामले में एक पंजीकृत आपूर्तिकर्ता भी हो सकता है।
5 प्राप्त करने वाला प्राप्तकर्ता एक पंजीकृत या अपंजीकृत व्यक्ति हो सकता है। सीजीएसटी अधिनियम की धारा 9 (3) और आईजीएसटी अधिनियम की धारा 5 (3) के मामले में एक प्राप्तकर्ता को आरसीएम में पंजीकृत किया जाना चाहिए।

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