जानिए क्या होते है? जीएसटी में CPIN और CIN नंबर

जीएसटी टैक्स एक विशाल टैक्स प्रणाली है। क्योकि इसके अंतर्गत आपको बहुत फीचर मिलते है जो की आपके लिए लाभदायक होते है। जैसे की हम बात करते है CPIN और CIN की। CPIN एक प्रकार की 14 अंकीय विशेष संख्या होती है इसकी सहायता से हम अपने द्वारा चालान किये गए रिटर्न की पहचान कर सकते है। तथा इसकी सहायता हम अपने बिल को डाउनलोड भी कर सकते है। इसलिए आज के लेख में हम बात करते है जीएसटी में CPIN और CIN क्या है? इनकी वैधता क्या है ? तथा जीएसटी के तहत CPIN को कैसे जनरेट किया जाता है? CPIN और CIN में क्या अंतर है?

जीएसटी में CPIN और CIN नंबर
जीएसटी में CPIN और CIN नंबर

जीएसटी में CPIN (सामान्य पोर्टल पहचान संख्या) क्या है?

CPIN का पूरा नाम (पूरा मतलब) कॉमन पोर्टल आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है, जो की जीएसटी रिटर्न भुगतान करते समय उत्पन्न बिल के साथ जनरेट होता है। इस बिल के साथ ही एक 14-अंकीय अद्वितीय संख्या भी जनरेट होती है। इस 14 अंको की संख्या को सीपिन कहा जाता है और इसकी सहयता से ही जीएसटी बिल की पहचान की जाती है। तथा इस 14-अंकीय एकमात्र संख्या (CPIN) की सहयता से हम अपने रिटर्न पेमेंट को ट्रैक भी कर सकते है।

भारत में जीएसटी के तहत सीपिन (CPIN) नंबर क्या है?

भारत में GST के तहत सीपिन नंबर का एक एक अलग ही दृष्टिकोण है। क्योकि इसके माध्यम से हम अपने द्वारा किये गया टैक्स पैरोल की जानकारी ज्ञात कर सकते है। और हमारे द्वारा किये गए सभी चालान को देख भी सकते है। जब हम कोई चालान बनाते है। तो उसके ऊपर एक नंबर स्वचालित रूप से जनरेट हो कर आता है उस नंबर की माध्यम से हम जब चाहे उस चालान को निकाल सकते है व उस चालान को ट्रेस भी कर सकते है।

जीएसटी में CPIN की वैधता कितनी होती है?

जैसा की हम जानते ही है, की जब हम जीएसटी के तहत जीएसटी रिटर्न का भुगतान करते है, तो बिल के साथ एक 14 अंको की अद्वितीय कॉमन पोर्टल आइडेंटिफिकेशन नंबर (CPIN) भी जनरेट होती है। उस सामान्य पोर्टल पहचान संख्या की वैधता 15 दिनों की अवधि के लिए वैध रहती है। हम इस संख्या का उपयोग 15 दिनों के लिए कर सकते है। उसके बाद इस संख्या की वैधता समाप्त हो जाती है। और वैधता समाप्त के बाद यह संख्या भी स्वचालित रूप से रद्द हो जाती है। और हमको भुगतान के लिए बिल को फिर से जनरेट करना होगा। ऐसा करने से हमको नयी CPIN संख्या प्राप्त हो जाती है।

अवधि समाप्त होने से पहले करदाता के पास दो विकल्प होते है :

  1. वैधता अवधि के भीतर या (CPIN के साथ) चालान के साथ GST कर को अदा कर सकते है।
  2. आवश्यक डेटा दर्ज करने के बाद ऑनलाइन नए जीएसटी चालान के लिए अनुरोध कर सकते है।

अवधि समाप्त होने के बाद करदाता को जीएसटी के पोर्टल पर एक नया इनवॉइस जनरेट करना होगा।

जीएसटी में सीपिन (CPIN) के कितने अंक होते हैं?

वस्तु एवं सेवा कर के तहत जब जीएसटी टैक्स का भुगतान किया जाता है। तो उस समय उस भुगतान के साथ एक बिल भी जनरेट होता है। उस बिल के साथ बिल पर एक कॉर्नर में एक संख्या भी लिखी आती है। जिसे सीपिन संख्या कहा जाता है। सीपिन संख्या एक 14 अंको की यूनिक अंको का समूह है, जोकि प्रत्येक बिल पर अलग-अलग होता है। अर्थात हम कह सकते जीएसटी के सीपिन नंबर में 14 यूनिक अंक होता है।

जीएसटी में CPIN कैसे जनरेट करें?

जैसा की हम आपको बता चुकें है, CPIN का मतलब सामान्य पोर्टल पहचान संख्या होता है। यह एक 14 अंकों की संख्या है। तो यहाँ हम बात करते है, कॉमन पोर्टल आइडेंटिफिकेशन नंबर कैसे जनरेट करें? जब हम जीएसटी के तहत किसी भी प्रकार का जीएसटी रिटर्न का भुगतान करते है, तो रिटर्न के साथ एक जीएसटी बिल उत्पन्न होता है। और उस बिल के साथ एक 14 अंको की अद्वितीय संख्या भी जनरेट होती है जिसे CPIN कहा जाता है। जो चालान निर्माण के समय स्वतः उत्पन्न होती है।

उदाहरण के लिए जैसा की आप जीएसटी नियम के अनुसार GSTR-3B जमा करते हैं और भुगतान करने के लिए आगे बढ़ते हैं, तो एक चालान उत्पन्न होता है और इसके साथ ही एक 14 अंको की अनोखी संख्या भी जनरेट होती है, जो की इनवॉइस निर्माण के साथ स्वतः ही उत्पन्न होती है।

जीएसटी में CPIN (सामान्य पोर्टल पहचान संख्या) कैसे प्राप्त करें?

यदि आप CPIN के माध्यम से चालान के भुगतान को ट्रैक कर रहे हो और आप अपना CPIN नंबर नहीं जानते हैं, तो आप अपना CPIN संख्या फिर से ज्ञात कर सकते है। इसके लिए आपको CPIN नंबर किस दिनांक पर जनरेट किया गया था? यह याद होना चाहिए। सीपिन नंबर को खोजने के लिए आपको Search By Date विकल्प का चयन कर करना होगा हैं। ऐसा करने के बाद आपको I Will Search बटन पर क्लिक करना होगा। क्लिक करने के बाद चयनित तिथि सीमा के भीतर अदा किये गए की स्थिति वाले चालान की सूची प्रदर्शित की जाएंगी। फिर CPIN (सामान्य पोर्टल पहचान संख्या) लिंक पर क्लिक करते है, तो भुगतान की रसीद आपके सामने खुल जाती है।

ध्यान दें:

  • भुगतान रसीद केवल PAID स्थिति वाले बिल के लिए प्रदर्शित की जाती है,
  • आप DOWNLOAD बटन पर क्लिक करके रसीद भी डाउनलोड कर सकते हैं।
  • अगर चालान पर उल्लिखित एक्सपायरी डेट पास हो जाती है, तो चालान एक्सपायर्ड इनवॉइस बन जाता है। एक्सपायर्ड इनवॉइस का उपयोग करके किया गया कोई भी भुगतान वैध भुगतान नहीं है। यदि बिल की समाप्ति तिथि के बाद अदा किया जाता है और यदि भुगतान बैंक द्वारा स्वीकार किया जाता है, तो अदा की गयी की स्थिति में जीएसटी पोर्टल पर अपडेट नहीं की जाएगी।

जीएसटी भुगतान में सीपिन (सामान्य पोर्टल पहचान संख्या) कैसे प्राप्त करें?

जैसा की हम जानते ही है, की जीएसटी के तहत हर पंजीकृत व्यक्ति या व्यापारी को मासिक या वार्षिक जीएसटी टैक्स का भुगतान करना होता है। और अदा करने के बाद जीएसटी पोर्टल द्वारा एक रसीद मिलती है। जिसे यह पता चलता है, की अपने जीएसटी के तहत अपने जीएसटी टैक्स अदा किया था या नहीं। लेकिन यदि वह रसीद खो जाती है तो आपको चिंता की आवश्यकता नहीं है। क्योकि जीएसटी भुगतान के तहत आपको एक नंबर भी मिलता है जिसे सीपिन नंबर (सामान्य पोर्टल पहचान संख्या) कहा जाता है। तो बात करते जीएसटी भुगतान के तहत वह सीपिन कैसे प्राप्त करें?

जब हम जीएसटी रिटर्न का भुगतान करते है तो अदा से पहले एक चालान जनरेट होता है जिस पर हमारे द्वारा भरे गयी जानकारी होती है। उस चालान के माधयम से हमको जांचना होता है, की हमारे दवारा भरी गयी सभी जानकारी सही है या नहीं। उसी बिल के साथ आपको एक 14 अंको का विशिष्ट नंबर भी प्राप्त होता है जो की उस बिल के साथ ही जनरेट होता है। जब आपकी सभी जानकारी सही होती है तो आप का उस बिल/चालान का भुगतान की आगे की प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते है।

जीएसटी में CIN (चालान पहचान संख्या) क्या है?

CIN एक चालान पहचान संख्या है। यह एक 17 अंको की विशाल संख्या है जिसमे 14 अंक CPIN और वही 3 अंक बैंक कोड होते है, जोकि बैंक दवारा प्रमाणित होते है। CIN, अधिकृत बैंकों / भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तब उत्पन्न किया जाता है जब भुगतान वास्तव में ऐसे अधिकृत बैंकों या RBI द्वारा प्राप्त किया जाता है। तथा उनके साथ रखे गए संबंधित सरकारी खाते में जमा किया जाता है। तो यह एक संकेत है कि भुगतान का हुआ है और उपयुक्त सरकारी खाते में जमा किया गया है। CIN को अधिकृत बैंक द्वारा करदाता के साथ-साथ GSTIN को भी सूचित किया जाता है।

CIN में कितने अंक होते हैं?

सीआईएन (CIN) को विस्तार से चालान पहचान संख्या कहा जाता है। इस सीआईएन संख्या में 17 होते है। जो की एक विशाल संख्या कहलाती है। क्योकि यह हर भुगतान के लिए अलग-अलग होती होती है। इस संख्या के अंतर्गत पहले 14 अंक सीपिन के होते है। तथा अगले तीन अंक जीएसटी अधिकृत बैंक कोड के लिए होते हैं जो सरकार को जीएसटी पोर्टल प्रेषित करता है।

जीएसटी में CIN कब प्राप्त होता है?

जैसा की अब आप जानते है, की CPIN संख्या कैसे जनरेट की जाती है? ठीक इसी प्रकार से CIN संख्या भी प्राप्र्त की जाती है। जब आपके द्वारा जीएसटी रिटर्न अदा किया जाता है तो अदा के बाद आपको एक बिल मिलता है जिस पर आपको CPIN नंबर मिलता है। और जब आप उस बिल को जीएसटी के पोर्टल पर जमा करते है, तो आपको जीएसटी पोर्टल के द्वारा एक 17 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या जारी की जाती है। जो की जीएसटी पोर्टल द्वारा स्वतः ही जनरेट होती है। यह संख्या आपके द्वारा जीएसटी का भुगतान किया गया है इसके लिए एक प्रमाण पत्र का कार्य करती है।

भारत में जीएसटी भुगतान के तहत CIN नंबर कैसे काम करता है?

जैसा कि हम आपको बता चुके, की जब एक करदाता द्वारा ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक रूप से जीएसटी टैक्स को अदा किया जाता है, तो एक नंबर जनरेट होता है, जिसे सीपीआईएन नंबर कहते है। सीपिन नंबर बनाने के बाद, वह करदाता ऑनलाइन द्वारा जीएसटी के भुगतान करने वाली व्यवस्था को पूर्ण कर सकता है। और जब करदाता वह भुगतान की प्रकिया को पूर्ण करता है, तो उसको एक CIN नंबर प्राप्त होता है।

इस CIN संख्या को पूर्ण रूप से चालान पहचान संख्या कहा जाता है। सीआईएन 17 अंकों को वहन करता है, जिसमें से पहले 14 अंक CPIN संख्या के और अगले तीन अंक जीएसटी के द्वारा अधिकृत बैंक कोड होते हैं जो की सरकार द्वारा जीएसटी कर्ता को प्रेषित करती है। जीएसटी कराधान के तहत सीआईएन नंबर सरकार को करदाता द्वारा भुगतान किए गए जीएसटी कर की प्राप्ति की पुष्टि का संदर्भ प्रमाण पत्र होता है।

जीएसटी में CPIN और CIN में अंतर है?

CPIN संख्या CIN संख्या
CPIN का मतलब कॉमन पोर्टल आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है सीआईएन का मतलब चालान पहचान नंबर होता है।
सीपीआईएन एक 14-अंकीय का अनोखा नंबर होता है CIN एक 17-अंकीय का अनोखा नंबर होता है
सीपीआईएन नंबर GST के अदा करने से पहले उत्पन्न होता है सीआईएन नंबर GST के भुगतान के बाद जारी किया जाता है।
सीपिन उस समय जारी किया जाता है, जब आप ऑनलाइन जीएसटी टैक्स बिल का भुगतान करते है। भुगतान के उपरांत ही एक चालान के साथ जनरेट होता है। सीआईएन उस समय जारी किया जाता है, जब भुगतान के दौरान जनरेट चालान का क्रॉस-चेकिंग के बाद, आप चालान जमा करते हैं। बिल जमा करने पर, जीएसटी पोर्टल 17 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या जारी करता है।

हर CIN एक 17 अंकों का यूनिक कोड होता है। इसमें 3 अंकों के बैंक कोड के साथ 14 अंकों का CPIN शामिल था।

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