देश में जीएसटी लागू करने का एकमात्र उद्देश्य देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना था। इसीलिए भारत सरकार ने जीएसटी लागू किया और जीएसटी के लागू होने से व्यापार और बाजार में हलचल मच गई। क्योंकि ज्यादातर लोग अभी भी जीएसटी क्या है? और जीएसटी के नियमों से अनजान हैं, कुछ व्यक्तियों को यह भी नहीं ज्ञात की जब किसी वस्तु या सामान का व्यापार करते है, तो उन्हें एक जीएसटी बिल मिलता है। जिसका फायदा उठाते है, कुछ लोग जैसे की दुकानदार, होटल, कंपनियां और अन्य व्यवसाय नकली जीएसटी बिल या फर्जी जीएसटी बिल जारी करके, जो पूरी तरह से गैरकानूनी होता है। तो आज के इस लेख में हम बात करते है, की जीएसटी का बिल क्या होता है? व फ़र्ज़ी जीएसटी बिल की पहचान कैसे करे?
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
जीएसटी बिल क्या है?
जीएसटी बिल एक प्रकार दस्तावेज होता है, जिसमें एक व्यापारिक लेनदेन के सभी उचित विवरण शामिल होते है। जैसे की उत्पाद का नाम, विवरण, मात्रा, आपूर्तिकर्ता और क्रेता का विवरण, बिक्री की शर्तें, जीएसटी रेट चार्ज, छूट आदि शामिल होती है। जीएसटी के तहत विभिन्न प्रकार के बिल और सहायक दस्तावेज होते हैं, जो की निम्नलिखित है :
जीएसटी बिल में आवश्यक जानकारियां क्या होती है?
एक टैक्स बिल आमतौर पर टैक्स चार्ज करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट पर खर्च करने के लिए जारी किया जाता है। तथा एक वास्तविक टैक्स बिल के अंतर्गत निम्नलिखित जानकारियों का होना आवयश्क है :-
- बिल संख्या (सीपिन) और दिनांक
- ग्राहक का नाम
- शिपिंग और बिलिंग पता
- ग्राहक और करदाता का जीएसटीआईएन (GSTIN) – यदि पंजीकृत है
- आपूर्ति का स्थान
- HSN कोड / SAC कोड
- वस्तु का विवरण अर्थात् मात्रा
- कर योग्य मूल्य और छूट
- टैक्स की दर और राशि ( सीजीएसटी / एसजीएसटी / आईजीएसटी )
- आपूर्तिकर्ता का हस्ताक्षर
- यदि प्राप्तकर्ता पंजीकृत नहीं है और सामान 50,000 रुपये से अधिक का है, तो बिल में होना चाहिए :-
- प्राप्तकर्ता का नाम और पता,
- वितरण का पता,
- राज्य का नाम और राज्य कोड
फर्जी जीएसटी बिल क्या है?
वस्तु एवं सेवा कर के तहत प्रत्येक पंजीकृत व्यक्ति को एक चालान जारी करना चाहिए जिसमें एक वैध जीएसटीआईएन शामिल हो, तथा आगे आईजीएसटी, सीजीएसटी और एसजीएसटी का का ज़रूर अभिलेख हो। और एक जीएसटी बिल के अंतर्गत वह सब ज़रूरी जनकारियां होनी चाहिए जो एक जीएसटी बिल के तहत होती है, यदि आपके जीएसटी बिल में यह सभी जानकारियां नहीं होती है, तो आपको प्राप्त बिल जीएसटी के नियमानुसार फर्जी जीएसटी बिल कहलाता है।
फर्जी जीएसटी बिल के उदाहरण
जीएसटी के लागू होने के बाद, कुछ दुकानदार, होटल, कंपनियां और अन्य व्यवसाय नकली जीएसटी बिल जारी कर रहे हैं। क्योंकि वह इसका फायदा उठा रहे है, वह जानते है कि ज्यादातर लोग जीएसटी से अनजान हैं। तो आइए आपको निम्नलिखित कुछ तथ्यों के बारे में बताते हैं जिस से पता चल जाएगा कि यह है, फ़र्ज़ी जीएसटी बिल: –
1. जीएसटी चार्ज करने का अधिकार
जीएसटी नियम के अनुसार जिन व्यापारियों व कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपये से कम है, उन्हें जीएसटी के तहत रजिस्टर करने की आवश्यता नहीं होती है। अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर समेत कुछ राज्यों में यह सीमा 20 लाख रुपये है। लेकिन कारोबारी चाहें तो अपनी मर्जी से जीएसटी के तहत रजिस्टर कर सकते हैं। परतुं कुछ लोग इसका फायदा उठा रहे है, कि ये लोग आप से जीएसटी वसूलेंगे लेकिन सरकार तक नहीं पहुचायेंगे, तो उस बिल को फ़र्ज़ी बिल कहा जाता है। अगर आपको कोई भी ऐसे कारोबारी दिखते हैं, जो ऐसा कर रहे हैं। आप उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
2. पुराने प्रारूप में जीएसटी एकत्रित करना
कुछ व्यापारी और दुकान के मालिक अभी भी जीएसटीआईएन के बजाय मूल्य वर्धित कर (VAT) / करदाता पहचान संख्या (TIN) और केंद्रीय बिक्री कर (CST) वाली पुरानी बिल बुक का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन ग्राहकों से केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) भी चार्ज कर रहे हैं। जबकि जीएसटी बिल में जीएसटीआईएन को सीजीएसटी और एसजीएसटी को दिखाना होता है। जब कभी कोई व्यक्ति ऐसा बिल बना कर देता है, तो यह बिल फर्जी जीएसटी बिल कहलता है।
3. अस्थायी जीएसटी संख्या दिखा कर
कुछ ऐसे स्टोर मालिक भी हैं जो सीजीएसटी और एसजीएसटी को जीएसटीआईएन के लिए आवेदन के बिना ही अपने बिलों में इन्हे चार्ज कर रहे हैं। और आप उस बिल को लेकर उनको जीएसटी चुकता करते है। तो आपको दिया गया बिल फर्जी जीएसटी बिल कहलाता है
4. पुराने फॉर्मेट में वसूल रहे बिल
आप कई दुकानदारों को भी देख सकते हैं, जो आपको पुराने प्रारूप में बिल दे रहे हैं, लेकिन आप जीएसटी वसूल रहे हैं। आप ऐसे दुकानदारों से जीएसटीआईएन नंबर मांग सकते हैं। यदि वह कहता है कि उसने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है, तो उसके पास प्रोविशनल जीएसटी नंबर होगा। जो कि आप उसे मांग सकते है।
फर्जी जीएसटी बिल की जाँच / पहचान कैसे करें?
फर्जी जीएसटी बिल की जाँच आप खुद से भी जान सकते है, जैसा की आप किसी मार्किट से खरदारी करते है और उन्हें आपको कोई बिल दिया है। जिसकी आपको शंका है, ही शायद आपको दिए गया बिल जीएसटी का फर्जी बिल है, तो आप निश्चित रहे आपको दिए जाना वाला बिल जीएसटी का वास्तविक बिल है? या नहीं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा आपको राहत दी गयी है। की आप जीएसटी के पोर्टल पर जा कर जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसके लिए कुछ निम्नलिखित चरण दिए गए है :-
1. जीएसटी पोर्टल पर जाये
सबसे पहले आप अपने सिस्टम पर जीएसटी का होम पेज खोलिये। और होम पेज खोलने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करे। होम पेज पर जाने के लिए लिंक :- https://www.gst.gov.in/
2. Search by GSTIN/UIN का चयन करें
होम पेज खुलने के बाद एक नीले कलर की पट्टी में सर्च टैक्स पेयर का विकल्प मिलता है। उस पर क्लिक करके उसके अंतर्गत आपको Search by GSTIN/UIN विकल्प का चयन करना है।
3. GSTIN/UIN नंबर भरें
जीएसटी नंबर या यूआईएन विकल्प का चयन करने के उपरांत आपके सामने एक पेज खुलता है। जहां आपको GSTIN/UIN भरना है और फिर कैपचा कोड भरना है। भरने के बाद दो स्थिति हो सकती है :-
- अगर GSTIN/UIN गलत होता है तो वहाँ इनवैलिड (Invalid) लिखा आएगा और फिर से सही भरना होगा।
- अगर GSTIN/UIN सही होता है तो उसके लिए चरण 4. देखे।
4. बिल का रूप
अगर GSTIN/UIN नंबर सही है तो आपको उसकी यह स्थिति दिखाई देगी:
- कारोबार का नाम
- राज्य रजिस्ट्रेशन की तारीख
- कारोबार का प्रकार-निजी या पब्लिक लिमिटेड कंपनी
- पूर्ण स्वामित्व या पार्टनरशिप कंपनी
निम्न प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के उपरांत आप सुनिचित हो सकते है की आपके पास जो बिल है, वह जीएसटी का फ़र्ज़ी बिल नहीं है।
5. जाँच उचित है
यदि आप किसी दुकान वाले का GSTIN/UIN चेक करते है, और आपको साईट यह दिखा रही है कि इस GSTIN/UIN का वेरिफिकेशन पेंडिंग है, तब भी यह सही है. इस प्रोविजनल आईडी है जो कारोबार को जारी किया गया है। अगर ऐसा भी है तो आपका जिसती का बिल फ़र्ज़ी जीएसटी का बिल नहीं है।
जीएसटी बिल में दर की जाँच कैसे करें?
जीएसटी चालान और जीएसटीआईएन की वास्तविकता की जांच करने के बाद, एक ग्राहक को जीएसटी दर की शुद्धता की जांच करने की आवश्यकता होती है जो चार्ज किया गया है। यह सीबीआईसी पोर्टल पर जीएसटी दर चार्ट पर जाकर किया जा सकता है।
आप HSN कोड या उत्पाद नाम से खोज सकते हैं।
नोट :- यदि आप उत्पाद के नाम से खोज कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह सही HSN कोड के अंतर्गत आता है, क्योंकि एक ही नाम वाले कई उत्पाद उनके विवरण के आधार पर अलग-अलग HSN कोड हो सकते हैं, और इसलिए उनमें कई कर दरें हैं।
जीएसटी नंबर की पहचान कैसे करें?
जीएसटीआईएन एक विशिष्ट पहचानकर्ता 15 अंकों का अद्वितीय कोड है, जो कभी भी कोई दो पहचानकर्ता संख्या एक समान नहीं हो सकती। क्योकि यह 15 अंकों का एक अनोखा कोड जिसे प्रत्येक करदाता को सौंपा जाता है, जो राज्य-वार और पैन-आधारित होगा। 15 अंकों वाले जीएसटीआईएन (माल और सेवा कर पहचान संख्या) की संरचना या प्रारूप नीचे की तरह दिखेगा।
- जीएसटी नंबर के पहले दो अंक स्टेट कोड के लिए होते हैं। हर राज्य के लिए कोड अलग है भारतीय जनगणना 2011 के अनुसार राज्य कोड है। राज्य कोड नीचे दिए गए हैं : –
राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश का नाम | राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश के कोड |
जम्मू-कश्मीर | 01 |
हिमाचल प्रदेश | 02 |
पंजाब | 03 |
चंडीगढ़ | 04 |
उत्तराखंड | 05 |
हरियाणा | 06 |
दिल्ली | 07 |
राजस्थान | 08 |
यूपी | 09 |
बिहार | 10 |
सिक्किम | 11 |
अरुणाचल प्रदेश | 12 |
नागालैंड | 13 |
मणिपुर | 14 |
मिजोरम | 15 |
त्रिपुरा | 16 |
मेघालय | 17 |
असम | 18 |
पश्चिम बंगाल | 19 |
झारखंड | 20 |
उड़ीसा | 21 |
छत्तीसगढ़ | 22 |
मध्य प्रदेश | 23 |
गुजरात | 24 |
दमन और दीव | 25 |
दादर और नगर हवेली | 26 |
महाराष्ट्र | 27 |
आंध्र प्रदेश | 28 |
कर्नाटक | 29 |
गोवा | 30 |
लक्ष्यदीप | 31 |
केरल | 32 |
तमिलनाडु | 33 |
पांडुचेरी | 34 |
अंडमान और निकोबार द्धीप समूह | 35 |
तेलंगाना | 36 |
- अगले 10 अंक यह आपकी दुकान, मॉल या कंपनी जैसी व्यवसाय इकाई का पैन नंबर है।
- 13 वां अंक एक राज्य के भीतर पंजीकरण की संख्या के आधार पर दिया जाता है।
- 14 वां अंक डिफ़ॉल्ट रूप से Z के रूप में होता है।
- आखिरी अंक चेक कोड के लिए होता है। यह कर विभाग द्वारा आंतरिक उद्देश्य के लिए उपयोग की जाने वाली एक वर्णमाला या संख्या हो सकती है।
इसप्रकार हम जीएसटी नंबर की पहचान कर सकते है। पहचान करने के बाद आप जीएसटी फ़र्ज़ी बिल भी चेक कर सकते है।