जीएसटी के बारे में आप सभी जानते हैं, जो लंबे समय से लागू है, लेकिन इसके बावजूद, कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के बारे में कई बातों की पूरी जानकारी नहीं है, उनमें से एक है एचएसएन कोड।
HSN कोड का मतलब है जो GST के तहत वस्तुओं और सेवाओं को वर्गीकृत करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय विधि है जो कर की दर निर्धारित करने में बहुत उपयोगी है। आज के इस लेख में हम इसी के बारे में बात करेंगे, और जानेंगे की, जीएसटी में एचएसएन कोड क्या है? इसका काम क्या है? अथवा दिखता कैसा है?
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
- 1. एचएसएन कोड क्या है?
- 2. जीएसटी HSN कोड का कार्य क्या होता है?
- 3. जीएसटी में एचएसएन कोड क्यों जरुरी है?
- 4. HSN कोड दिखता कैसा है?
- 5. जीएसटी HSN कोड के अंकों को समझिये
- 6. एचएसएन कोड लिस्ट की जानकारी
- 7. भारत में HSN कोड
- 8. एचएसएन कोड के तहत तीन-स्तरीय संरचना का पालन
- 9. जीएसटी में एचएसएन कोड वर्गीकरण के लिए नियम
- 10. एचएसएन कोड के 21 खंडो के बारे में जानिए
- 11. जीएसटी में एचएसएन कोड के लाभ क्या हैं?
एचएसएन कोड क्या है?
एचएसएन कोड का फुल फॉर्म Harmonized System of Nomenclature और हिंदी में (हार्मोनाईस्ड सिस्टम ऑफ़ नॉमेनक्लेचर) होता है। जीएसटी (GST) प्रणाली के तहत बेची जा रही हर वस्तु के लिए सही वर्गीकरण और उन पर लागू होने वाली टैक्स की दर को निश्चित करने के लिए एचएसएन (HSN) कोड बनाये गए है। यह कोड 2 अंक, 4 अंक, 6 अंक और 8 अंक के हो सकते हैं। बेची जाने वाली हर वस्तु का एक अलग जीएसटी कोड तय किया गया है। इसका मतलब है की, हर वस्तु पर टैक्स की दर अलग होगी। यही कारण है कि टैक्स रेट के विवाद से बचने के लिए जीएसटी व्यवस्था के तहत अलग-अलग वस्तुओं के 2 हज़ार जीएसटी कोड बनाये गए हैं।
ध्यान दें:-एचएसएन का नामकरण डब्लूसीओ (विश्व सीमा शुल्क संगठन) ने पहली बार 1988 किया था। यह एक बहुत बड़ा विश्व सीमा शुल्क संगठन है। जिसमे 181 देश शामिल है। इसमें से तीन-चौथाई देश विकासशील है, जोकि इनमे से हमारा देश भारत भी आता है। ये तीन-चौथाई विकासशील देश 98 प्रतिशत से अधिक विश्व व्यापार के लिए उत्तरदायी है।
जीएसटी HSN कोड का कार्य क्या होता है?
जीएसटी के अंतर्गत आने वाले एचएसएन कोड का कार्य हर वस्तु की बिक्री का सही वर्गीकरण और उन पर लागू टैक्स की दर को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। यह कोड 2 अंकों, 4 अंकों, 6 अंकों और 8 अंकों का हो सकता है। बेचे जाने वाले प्रत्येक आइटम का एक अलग जीएसटी कोड सेट होता है। प्रत्येक वस्तु पर टैक्स की दर अलग-अलग होती है, यही वजह है कि टैक्स दर विवाद से बचने के लिए विभिन्न वस्तुओं के लगभग 2 हजार कोड बनाए गए हैं। जिससे आगे जाकर कोई विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो सके।
एचएसएन कोड की सहायता से आप पता लगा सकते हैं कि जो बेचा गया माल है उस पर कितना टैक्स लगाया जाएगा। इसमें प्रत्येक वस्तु के लिए एक अलग जीएसटी कोड सेट किया गया है। उदाहरण के लिए, यदि मूल्य के लिए कार पर टैक्स की दर 5% है, तो कार के भागों के लिए टैक्स की दर 12% हो सकती है। इसलिए जब कोई कार बेचता है, तो उसका जीएसटी HSN कोड अलग होता है। और जब वह कार के कुछ हिस्सों को बेचता है तो उसका HSN (एचएसएन) कोड अलग होगा। इसी तरह, HSN (एचएसएन) कोड और अन्य वस्तुओं जैसे सोने के गहने, हीरे-मोती, चांदी आदि पर टैक्स की दर भी भिन्न हो सकती है।
जीएसटी में एचएसएन कोड क्यों जरुरी है?
एचएसएन कोड का मुख्य उद्देश्य पूरे विश्व में व्यवस्थित और तर्क संगत तरीके से वस्तुओं का वर्गीकरण करना है। यह सामानों को एक समान वर्गीकरण में लाता है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाता है। इसमें लगभग 5,000 वस्तु (समूह) हैं, जिनमें से प्रत्येक को छह अंकों के कोड द्वारा पहचाना जाता है, जो एक कानूनी और तार्किक संरचना में व्यवस्थित है।
यह समान वर्गीकरण प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित जीएसटी नियमों द्वारा समर्थित है। भारत 1971 से विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) का सदस्य है। यह मूल रूप से सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के लिए वस्तुओं को वर्गीकृत करने के लिए 6-अंकीय HSN कोड का उपयोग कर रहा था। बाद में कस्टम्स और सेंट्रल एक्साइज (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) ने कोड को अधिक उचित बनाने के लिए दो और अंक जोड़ दिए जिसके परिणामस्वरूप 8 अंकों का वर्गीकरण हुआ।
जीएसटी में एचएसएन कोड क्यों महत्वपूर्ण है?
भारतीय वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत फॉर्म 6 के तहत सामानों को सामान्य वर्ग या रेटेड वर्गों के लिए 1211 खंडों में विभाजित किया गया है। आपको पता है की जीएसटी के तहत कर को पाँच वर्गों, 0%, 5%, 12%, 18% और 28% में विभाजित किया गया है। माल की कीमतें निर्धारित करते समय एचएसएन कोड उत्पादों पर कर की सही कीमत निर्धारित करने के लिए जीएसटी का उपयोग करके मॉल (कमोडिटी) की आपूर्ति करना आवश्यक है।
जब माल को बेचने के बाद एक रसीद अथवा बिल जारी किया जाता है, तो रसीद माल के एचएसएन रिकॉर्ड को बेच देगी। अब यहां के व्यवसायियों को अपने द्वारा बेचे जाने वाले माल का एचएसएन कोड जानना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जीएसटी ऑफलाइन रिटर्न दाखिल करते समय, आपको यह जानकारी देनी होगी कि कौन सा जीएसटी कोड बेचा गया और कितना खरीदा गया।
HSN कोड दिखता कैसा है?
हमने नीचे चित्र की सहायता से दर्शाया है की रेशम रूमाल का जीएसटी HSN कोड कुछ इस तरह दिखेगा।
ये सेक्शन (Section) 11 में कपड़ा और कपड़ा अनुच्छेद (Textile & Textile Articles) में पाया जाता है। आप देख सकते है की ये कोड 8 नंबर का होता है।
- पहले दो नंबर अध्याय (Chapter) को दर्शाते है। रेशम रूमाल अध्याय 62 परिधान और कपड़े के सामान के लेख (articles of apparel and clothing accessories) में आता है।
- दूसरे दो नंबर शीर्षक (Heading) को दर्शाते है जैसे की इस चित्र में 13 नंबर शीर्षक के रूमाल (Handkerchiefs) में आता है।
- उसके बाद 90 संख्या उप शीर्षक (Sub-Heading) के अन्य सामग्रियों से बनाया गया है (made from other materials) में आता है।
- लास्ट संख्या 90 उप-उप-शीर्षक (Sub-Sub-Heading) के अन्य वस्त्र सामग्री का निर्माण करना (made form other textile material) में आता है।
जीएसटी HSN कोड के अंकों को समझिये
जीएसटी HSN कोड के निर्माण में 21 वर्ग (Section) हैं, जिसमें की 99 अध्याय (Chapter) हैं, लगभग 1,244 शीर्षक (Heading) और 5,224 (Sub Heading) उप-शीर्षक हैं। एक उपयोगी वस्तु का निर्माण और तकनीकी उलझन उस वर्ग या अध्याय को परिभाषित करती है जो उसके अंदर आती है। उदाहरण के लिए, सभी प्राकृतिक वस्तुएँ जैसे सब्जियाँ, पशु उत्पाद, आदि वर्ग के पहले की कक्षाओं से संबंधित हैं, जबकि औद्योगिक मशीनरी बाद के चरणों में देखी जाती हैं।
वर्ग और अध्याय का शीर्षक माल की व्यापक श्रेणियों का वर्णन करते हैं, जबकि हेडिंग और सब-हेडिंग उत्पाद उन्हें विस्तार से बयान करते हैं। वर्ग की कक्षाएं काफी बड़ी वर्गीकृत की गयी हैं। दूसरी ओर, अध्याय में अधिक असामान्य वर्गीकरण है। जिस तरह सेक्शन 11 के चैप्टर 62 में सभी प्रकार के वस्त्र और कपड़े की वस्तु वर्गीकृत हैं, जोकि पुरुषों और महिलाओं के लिए एक सहायक है।
एचएसएन कोड लिस्ट की जानकारी
प्रत्येक सेक्शन विभिन्न चैप्टर का एक समूह है। वर्ग ‘माल‘ की एक व्यापक श्रेणी का प्रतिनिधित्व करते हैं, और अध्याय ‘सामानों’ की एक विशेष वर्ग का वर्णन करते हैं। उदाहरण के लिए, सेक्शन 15 में आधार धातु (बेस मैटल) संबंधित है, जबकि सेक्शन 15 के अंदर आने वाले चैप्टर 72 में विशेष रूप से लोहे और स्टील के लिए है।
प्रत्येक चैप्टर को विभिन्न विषय के आधार पर अलग-अलग शीर्षकों में विभाजित किया गया है। उदाहरण के लिए, चैप्टर 72 में हैडिंग 02 में फेरो मिश्र धातु से संबंधित है, और चैप्टर 72 में हैडिंग 29 में अन्य मिश्र धातु से संबंधित है। आप नीचे दी गयी फाइल से एचएसएन कोड लिस्ट डाउनलोड करके सभी अध्याओं के एचएसएन (HSN) कोड देख सकते है।
भारत में HSN कोड
आइये हम जानते है की भारत में एचएसएन कोड का उपयोग कैसे किया जाता है? अथवा ये कितने नंबर का कोड होता है? हम जानते है की भारत में जीएसटी का प्रभाव बहुत ही अच्छा हुआ है। जीएसटी ने फालतू में लगने वाले टैक्स से मुक्ति दी है जिससे की व्यापारी बहुत प्रभावित हुए है। और उपभोक्ता पर बोझ कम हुआ है। क्योकि जीएसटी ने सभी टैक्स को एक टैक्स में परिवर्तन कर दिया है। जिससे की व्यापारी को जगह-जगह टैक्स देने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
भारत में सेंट्रल एक्साइज (केंद्रीय उत्पाद शुल्क) रिवाज के तहत 1986 से एचएसएन कोड सिस्टम लागू हुआ था। पहले जीएसटी HSN कोड 6 नंबर का होता था, परन्तु भारत में इस कोड में 2 नंबर और जोड़ दिए गए है, जिससे की वस्तुओं का वर्गीकरण अच्छी तरह से स्पष्ट हो सके। इसलिए भारत में माल की बेहतर पहचान के लिए एचएसएन (HSN) कोड 8 नंबर का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, 72.02.99.11 यह कोड 8 नंबर का है। यह फेरो-मिश्र धातु के उत्पादों के तहत फेरो-फॉस्फोरस (Ferro-phosphorus) में आता है।
एचएसएन कोड के तहत तीन-स्तरीय संरचना का पालन
भारत में एचएसएन कोड के तहत 3-स्तरीय संरचना का पालन किया जाता है। इसका मतलब है की जीएसटी HSN कोड को व्यवसायी की वार्षिक आय के अनुरोध बाँट दिया जाता है। नीचे हम एक-एक करके इन संरचनाओं पर प्रकाश डालते है।
1. आय 1.5 करोड़ से कम
भारत में वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के तहत, अगर जिन कारोबारिओं की सालाना आय 1.5 करोड़ से कम है, तो उन व्यवसाओं पर एचएसएन (HSN) कोड लागू नहीं होगा।
2. माल के लिए 2-अंकीय एचएसएन कोड
वित्तीय वर्ष से पहले जिन व्यापारी की वार्षिक आय 1.5 करोड़ से ज्यादा लेकिन 5 करोड़ से कम है, तो जीएसटी कोड के तहत ऐसे व्यापारी 2 अंको वाले एचएसएन कोड को जीएसटी परिचालनों के पहले वर्ष के लिए वैकल्पिक अभ्यास के रूप में उल्लिखित किया जाना आवश्यक है। ठीक इसी तरह से जीएसटी परिचालनों के दूसरे वर्ष से, सभी करदाताओं के कारोबार के लिए 2-अंकीय अध्याय दर्जा जीएसटी HSN कोड का विवरण करना अनिवार्य होगा।
3. माल के लिए 4 अंकों का एचएसएन कोड
पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष में यदि व्यक्ति का टर्नओवर 5 करोड़ से अधिक है तो ऐसे व्यक्ति 4 अंको वाले एचएसएन कोड का उपयोग करेंगे। इसके बाद पहले वर्ष के लिए करदाता की स्व-घोषणा के आधार पर टर्नओवर पर विचार किया जाएगा। जीएसटी के तहत पहले वर्ष को पूरा करने के बाद, पिछले वर्ष के लिए कारोबार को 4-अंकों वाले एचएसएन कोड के उपयोग के निर्धारण के लिए माना जाएगा।
4. 8 अंकों का एचएसएन कोड
अगर डीलर आयात अथवा निर्यात करता है तो ऐसे में उसे 8 अंको वाले एचएसएन (HSN) कोड का पालन करना होगा। इस प्रकार माल के निर्यात और आयात के मामले में 8 अंकों के एचएसएन कोड अनिवार्य हैं।
जीएसटी में एचएसएन कोड वर्गीकरण के लिए नियम
भारत में जीएसटी के तहत वर्गीकरण के लिए हम एचएसएन कोड का उपयोग करते है। जैसे की मान कर चलिए दवा को हम “फास्ट फूड” के रूप में नहीं जानते है, परन्तु हम इसे “रोग हटाने वाली औषधि” के रूप में अवश्य जानते है। इसलिए इसका वर्गीकरण होना चाहिए जिससे सामान को समझने में किसी भी प्रकार की उलझन पैदा नहीं होगी। इसीलिए वस्तु को वर्गीकरण करना बहुत ही जरुरी हो जाता है। वर्गीकरण को अपनाने के लिए कुछ नियम लागू होते है। हम एक-एक करके उन सभी नियमो को समझने की कोशिश करते है।
1. नियम एक
- सर्वप्रथम वर्गीकरण के लिए वस्तुओं को अध्यायों में बाँटना होगा। इसके बाद अध्यायों को भी उप-अध्यायों में नाम देना होगा।
- इसके बाद वर्गीकरण के उद्देश्य के लिए अध्यायों और उप-अध्यायों के शीर्षकों की सहायता लें।
2. नियम दो
- हेडिंग में हटाए गए / असेम्बल या डिसेबल्ड पार्ट्स (इकट्ठे या अक्षम भाग) भी वर्गीकरण में शामिल होंगे।
- किसी सामग्री (मटेरियल) या पदार्थ (सब्सटांस) के किसी भी निर्देश में अन्य सामग्रियों या पदार्थों के साथ उस सामग्री या पदार्थ के मिश्रण (संयोजन) अगर शामिल होता है, तो इसके अनुसार एक से अधिक सामग्रियों या पदार्थों से बने सामान का वर्गीकरण होगा।
3. नियम 3 ए
- सामान्य शीर्षक पर एक विशिष्ट शीर्षक चुनना ज्यादा सही माना है।
- उदाहरण के लिए, 85.10 “शेवर, हेयर क्लिपर्स और हेयर रिमूविंग इक्विपमेंट्स के लिए स्वपूर्ण इलेक्ट्रिक मोटर” के लिए वर्गीकरण है। “यह हाथ में इलेक्ट्रिक रेजर के लिए एक अधिक विशिष्ट वर्गीकरण है।
- अध्याय 67 में “हाथ में काम करने के लिए उपकरण, साँस का वाल्व, हाइड्रोलिक या आत्म निहित इलेक्ट्रिक या गैर-इलेक्ट्रिक मोटर के साथ” जैसे उपकरण वर्गीकृत है।
- अध्याय 09: “वैक्यूम क्लीनर के अलावा स्व-निहित इलेक्ट्रिक मोटर्स के साथ इलेक्ट्रो-मैकेनिकल घरेलू उपकरण” आते है।
4. नियम 3 बी
- मिश्रित सामान को उस सामग्री या पदार्थ के अनुसार वर्गीकृत किया जाना चाहिए जो उन्हें उनका आवश्यक चरित्र प्रदान करता है।
- उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रिक हेयर क्लिपर्स (85.10), कंघी (96.15) और चमड़े के मामले (45.02) के अंदर ब्रश (96.03) में शामिल होने वाले सामान को इलेक्ट्रिक हेयर क्लिपर्स हेडिंग (85.10) के तहत वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
5. नियम चार
- यदि सामानों को उपरोक्त नियमों के अनुसार वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है, तो उन्हें उन सामानों के अनुसार वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जिनमें वे सबसे अधिक हैं।
6. नियम पाँच
- जैसे की अपने देखा होगा की कुछ सामानो के साथ कवर (कंटेनर) भी आम तौर पर बेचे जाते है। तो ऐसे में उस सामान के कवर को भी वर्गीकृत किया जाएगा। उदहारण के लिए, कैमरा केस (कैमरे का डब्बा) ठीक कैमरे के नीचे आएगा।
- पैकिंग सामान और उनके कंटेनरों को भी संबंधित सामानों के साथ वर्गीकृत किया जाना चाहिए, सिवाय इसके कि जब पैकिंग दोहराए जाने वाले उपयोग की हो।
एचएसएन कोड के 21 खंडो के बारे में जानिए
एचएसएन कोड में 21 सेक्शन (खंड) होते है। इन्हें वस्तुओं को वर्गीकरण करने के लिए बहुत सहायक माना गया है। आइये एक-एक करके इन सभी खंडो के बारे में जानते है। हमने ऊपर देखा की प्रत्येक खंड विभिन्न अध्याय का एक समूह है इसमें जीएसटी कोड का बहुत ही अहम योगदान है। आइये नीचे एचएसएन कोड सूची के बारे में जानते है।
खंड | अध्याय | विवरण |
खंड 1 | अध्याय 1 से 5 | जीवित पशु, पशु उत्पाद |
खंड 2 | अध्याय 6 से 14 | सब्जी उत्पाद शामिल हैं। |
खंड 3 | अध्याय 15 से | पशु या वनस्पति वसा और तेल शामिल हैं। |
खंड 4 | अध्याय 16 से 24 | पेय पदार्थ, स्प्रिट, सिरका और तंबाकू शामिल हैं। |
खंड 5 | अध्याय 25 से 27 | खनिज उत्पाद शामिल हैं। |
खंड 6 | अध्याय 28 से 38 | रासायनिक और पैरा-रासायनिक उत्पादों में शामिल हैं। |
खंड 7 | अध्याय 39 से 40 | प्लास्टिक और रबर, और इसके लेख शामिल हैं। |
खंड 8 | अध्याय 41 से 43 | कच्चे खाल और चमड़े, यात्रा के सामान, हैंडबैग और इसी तरह के कंटेनर, पशु आंत (रेशम-कृमि आंत के अलावा) के लेख |
खंड 9 | अध्याय 44 से 46 | कवर लकड़ी, कॉर्क, पुआल और उसके लेख का निर्माण |
खंड 10 | अध्याय 47 से 49 | लकड़ी, कागज, पेपरबोर्ड, और मुद्रित उत्पादों के गूदे आदि |
खंड 11 | अध्याय 50 से 63 | कपड़ा और कपड़ा वस्तु शामिल हैं। |
खंड 12 | अध्याय 64 से 67 | जूते, हेडगियर, छाते, छड़ें, तैयार पंख, फूल और मानव बाल आदि |
खंड 13 | अध्याय 68 से 70 | खनिज, पत्थर, प्लास्टर, सीमेंट और कांच के उत्पाद शामिल हैं। |
खंड 14 | अध्याय 71 | कीमती धातुओं और पत्थरों में शामिल हैं। |
खंड 15 | अध्याय 72 से 83 | धातु और आधारित लेख शामिल हैं। |
खंड 16 | अध्याय 84 से 85 | मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, बिजली के उपकरण, ध्वनि रिकॉर्डर और ऐसे लेखों और सहायक उपकरण के कुछ हिस्सों में शामिल हैं |
खंड 17 | अध्याय 86 से 89 | वाहन, विमान, जहाज और संबंधित परिवहन उपकरण शामिल हैं। |
खंड 18 | अध्याय 90 से 92 | इसमें ऑप्टिकल, फोटोग्राफिक, सिनेमैटोग्राफिक, और संगीत वाद्ययंत्र शामिल हैं मापने, चिकित्सा,घड़ियाँ आदि |
खंड 19 | अध्याय से 93 | हथियार और गोला बारूद शामिल हैं। |
खंड 20 | अध्याय 94 से 96 | विविध लेख शामिल हैं। |
खंड 21 | अध्याय 97 से 99 | कला, कलेक्टर के टुकड़े और प्राचीन वस्तुएँ शामिल हैं |
नोट: खंड 15 के अंतर्गत अध्याय 77 भविष्य के उपयोग के लिए आरक्षित है।
नोट: खंड 21 के अंतर्गत अध्याय 99 राष्ट्रीय उपयोग के लिए आरक्षित है।
जीएसटी में एचएसएन कोड के लाभ क्या हैं?
जीएसटी एचएसएन कोड सीमा शुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के लिए देश भर में हर जगह माल विशेषता बताने में मदद करता है। यह दुनिया भर में हर जगह एक समान कर निर्धारण संरचना देता है। यह सार्वभौमिक रूप से एक साथ काम करने की अधिक सरलता प्रदान करता है। इसी दस्तावेज का उपयोग जीएसटी के तहत रिटर्न, संकेत देने के लिए किया जा सकता है। जीएसटी के तहत एचएसएन कोड के निम्नलिखित लाभ होते है। नीचे एक-एक करके इसके अंतर्गत आने वाले सभी लाभों के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते है।
- सामानों पर लगने वाले टैक्स के बारे में जानकारी होना।
- यह सीमा शुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के लिए देश भर में हर जगह माल (सामान) की विशेषता बताने में मदद करता है।
- यह दुनिया भर में हर जगह एक समान कर (टैक्स) निर्धारण करने में मदद करता है।
- कई देशों के व्यापारियों का एक साथ काम में बहुत ही सहायता प्रदान करता है।
- इसे डाकोमेंटेश, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और अपने बिजनेस को यूनिक बनाने में सहायता प्रदान करता है।