जीएसटी रिटर्न को कैसे संशोधित किया जाए?

जीएसटी शासन में, हमने कई बदलाव देखे हैं जिनमें रिटर्न के तहत जीएसटी रिटर्न में संशोधन करना तक शामिल है। और जैसा की हम जानते है, जीएसटीआर 3 बी सरकार द्वारा थोड़े समय के लिए लाया गया था, जबकि इसके लिए फॉर्म जीएसटीआर-1 और फॉर्म जीएसटीआर-2 भी पेश किए गए थे। और यह स्पष्ट किया गया था, कि सिस्टम स्वचालित रूप से फॉर्म जीएसटीआर-1 और फॉर्म जीएसटीआर-2 के साथ FORM GSTR-3B में जमा किए गए डेटा को सम्पूर्ण रूप से समेट लेगा।

लेकिन व्यापारियों और डीलरों के लिए रिटर्न को संशोधित करने का कोई विकल्प नहीं था (यानी प्रस्तुत किए गए डेटा को सही या संशोधित करने के लिए), इस संबंध में, व्यापारियों और डीलरों की मांग देखते हुए भारत सरकार द्वारा परिपत्र संख्या जीएसटी -7/7/2017, 1 सितंबर 2017 को जारी किया गया था, जिसके तहत जीएसटीआर 3 बी फाइल करते समय हुई त्रुटियां को उसी महीने फॉर्म जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-2 फाइल करते समय ठीक की जा सकता हैं। चूंकि, GST काउंसिल ने निर्णय लिया है कि जुलाई 2017 से मार्च 2018 तक के लिए फॉर्म जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 दाखिल करने की समय-समय पर अधिकारियों की समिति द्वारा काम किया जाएगा। तो आज के इस लेख में हम बात करेंगे जीएसटी रिटर्न को कैसे संशोधित किया जाए?

जीएसटी रिटर्न में संशोधन क्या होता है?

जैसा की हम जानते है, की वस्तु एवं सेवा कर के तहत प्रत्येक माह या त्रिमाह में जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होता है। जिसके लिए जीएसटी में रिटर्न फॉर्म के रूप में अनेक फॉर्म होते है। जिन्हे जीएसटी के नियमो के अनुसार अलग-अलग प्रकार के लिए अलग-अलग जीएसटी रिटर्न फॉर्म मौजूद है। जिनकी जानकारी हम अपने एक लेख जीएसटी रिटर्न कैसे भरें में दे चुके है। और यहाँ हम बात कर रहे है, जीएसटी रिटर्न में संशोधन क्या होता है, जब हम जीएसटी के तहत किसी रिटर्न फॉर्म को भरते है, तो उसमे अनेक प्रकार की तालिकाएं दी जाती है, जिसके तहत हमको अलग-अलग प्रकार की जानकारियां भरनी होती है, परन्तु किसी कार्यवस वह जानकारियां गलत भर जाये। तो जिनको सुधार की आवश्यकता हो और उसमे कुछ बदलाव के बाद उन गलतिओ को सुधारा जाये जीएसटी रिटर्न में संशोधन कहलाता है।

माना, के हम जीएसटी के तहत जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए जीएसटीआर 3बी फॉर्म का चयन करते है, और उस फॉर्म को भरते वक्त कुछ गलतिया हो जाती है, जिसको अब संशोधन की आवश्यकता है। तो अब हम बात करते है जीएसटीआर 3बी में क्या-क्या गलतियां हो सकती है।

जीएसटी रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर 3बी में गलतियाँ क्या हो सकती है?

त्रुटियों पर चर्चा करने से पहले, हमें उस चरण को जानना चाहिए जिस पर हम GSTR 3B में डेटा को सही या संशोधित करना चाहते हैं। उपरोक्त चरण निम्नानुसार हो सकते हैं:

स्थितिसंपादन का विकल्पमंच (स्थिति) पर टिप्पणियाँ
सबमिट उपलब्धइस स्तर पर, कर देनदारियों और आदानों की पुष्टि और प्रस्तुत की जाती है।
कैश लेजरउपलब्धरिटर्न दायित्व के अनुसार नकद को इलेक्ट्रॉनिक नकदी बहीखाता में जोड़ा जाता है
ऑफसेट देयताउपलब्ध नहीं हैसभी कर देनदारियों को क्रेडिट लेज़र और कैश लेज़र के साथ समायोजित किया जाता है।
रिटर्न दाखिल करनाउपलब्ध नहीं हैअंत में रिटर्न दाखिल किया जाता है।

अब यदि त्रुटियों को ऑफसेट करने और दाखिल करने से पहले जाना जाता है तो संबंधित दायित्व पक्ष / इनपुट पक्ष आदि को संपादित करके इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन दूसरी तरफ, यदि त्रुटियों को ऑफसेट करने और रिटर्न दाखिल करने के बाद जाना जाता है, तो, उस स्थिति में, हम परिपत्र सुझाव के अनुसार निम्नलिखित करने की आवश्यकता है:

जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए त्रुटियां क्या है?

जैसा की आप जानते ही है, जब जीएसटी लागू हुआ था। तो यह सबके लिए एक असमंजन समस्या थी, जो की किसी भी व्यापारी या कारोबारी के समझ के बहार थी। और फिर जीएसटी के नियम के तहत इसका ऑनलाइन जीएसटी के पोर्टल रिटर्न का दाखिल करना , किसी के लिए साधारण काम नहीं था। इसीलिए शुरू के समय में जीएसटी के रिटर्न को भरते वक्त अनेक प्रकार की गलतिया हो जाया करती थी जोकि कुछ निम्नलिखित है:

1. टैक्स देनदारी की रिपोर्टिंग (रिटर्न फाइलिंग)

उदाहरण के लिए मान लीजिए कि यदि किसी निश्चित महीने में कुछ बिक्री बिल की सूचना देने से चूक गई और इस कारण से, बिक्री राशि को चालू महीने की बिक्री में जोड़ दिया गया, तो देयता भी बढ़ जाएगी। उचित देय राशि के साथ उक्त देयता का भुगतान करना होगा। GSTR 3B। अतिरिक्त बिक्री के आंकड़े बिंदु संख्या 3.1 में जोड़े जाएंगे। यानी “आउटवर्ड सप्लाई और इनवर्ट सप्लाई ऑन रिवर्स-चार्ज“। हालांकि, GSTR 3B में जहां बी को ब्याज दिखाया जा सकता है, उसे समझाया नहीं गया है, यह केवल है अदा किया जाएगा।

  • यदि संबंधित महीने / तिमाही के फार्म GSTR-1 में ऐसी देयता की सूचना नहीं दी गई थी, तो बाद के महीने / तिमाही के FORM GSTR-1 में ऐसी देयता घोषित की जा सकती है जिसमें भुगतान किया गया था। (जीएसटीआर 3 बी में विचारित ब्याज के साथ कर देयता को जीएसटीआर 1 डेटा के साथ जोड़ा जा सकता है)।

2. देनदारियों की अधिक रिपोर्टिंग

देयता को बाद के महीने के बदले में समायोजित किया जा सकता है या धनवापसी का दावा किया जा सकता है जहां समायोजन संभव नहीं है। (मान लीजिए कि किसी बिल को दो बार बुक किया गया था या कुछ बिक्री वापसी लेनदेन पर विचार करने से चूक गया था, तो उसे चालू महीने की देनदारी के साथ समायोजित किया जा सकता है, यदि संभव हो तो वापसी का दावा किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटीआर 3 बी से अधिक बिक्री का आंकड़ा काट दिया जाएगा। नंबर 3.1 कुल बिक्री का आंकड़ा अर्थात आउटवर्ड आपूर्ति और रिवर्स चार्ज पर आवक चार्ज। यहाँ ध्यान दे: कि आउटपुट कर दायित्व या इनपुट टैक्स क्रेडिट को समायोजित करते समय, FORM GSTR-3B में कोई नकारात्मक प्रविष्टि नहीं हो सकती है।

3. देनदारियों की गलत रिपोर्टिंग

यदि लागू हो, तो गैर-पंजीकृत देयता को अगले महीने के ब्याज में जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, समायोजन बाद के महीनो के बदले में किया जा सकता है या एक वापसी का दावा किया जा सकता है जहां समायोजन संभव नहीं है। (मान लीजिए कि अंतरराज्यीय देयता को इंट्रास्टेट देनदारी के रूप में दिखाया गया था या देयता को कर की दर से कम दिखाया गया था। तब उक्त अंतरराज्यीय देयता या शेष कर देयता का भुगतान करना होगा और पूर्व में दिए गए अंतरराज्यीय कर को समायोजित या वापसी के रूप में दावा किया जा सकता है। ) ऐसे करदाताओं को बाद के महीने की तिमाही के लिए फॉर्म GSTR-1 की तालिका 9 और संशोधनों के लिए दाखिल करना होगा।

2. आईटीसी रिपोर्टिंग के तहत क्या गलतियां हो सकती है?

इनपुट टैक्स क्रेडिट जो रिपोर्ट नहीं किया गया था, उसे बाद के महीने के लिए रिटर्न दाखिल करते समय लिया जा सकता है। (यह मानते हुए कि हम कुछ खरीद में चूक गए हैं, हम बाद के महीनों की खरीदारी के साथ-साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट भी उपलब्ध मान सकते हैं। बिंदु संख्या 4 में GSTR 3B के तहत “योग्य ITC” जोड़ा जा सकता है। अतिरिक्त ITC जोड़ा जा सकता है। किसी की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में, GSTR 2 और 3 में कार्रवाई प्रभावी नहीं है।)

1. आईटीसी की ओवर रिपोर्टिंग आईटीसी की गलत रिपोर्टिंग

भुगतान (नकदी के माध्यम से) / बाद के महीने के लिए ब्याज के साथ रिपोर्ट किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रिवर्स। (मान लीजिए कि अगर हमने अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा और उपयोग किया है तो हमें लागू ब्याज राशि के साथ समायोजन या भुगतान करने की आवश्यकता है।)

2. आईटीसी की गलत रिपोर्टिंग

  • भुगतान के बदले किसी भी गलत तरीके से रिपोर्ट किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को (नकद के माध्यम से) / बाद के महीने में उलट दें।
  • रिपोर्ट किए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए, लाभ अगले महीनो के बदले में लिया जा सकता है।

जीएसटी रिटर्न को कैसे संशोधित करें?

जैसा की हम आपको ऊपर बता चुके है, की जीएसटी रिटर्न को संशोधित करने के लिए पहले कोई भी विकल्प जीएसटी पोर्टल पर मौजूद नहीं था, परन्तु व्यक्तिओ की मांग और गलत आकलन और गलत जानकारियां से भारत सरकार को अपने राजकोष पर हानि की चिंता हुयी और लोगो की मांग को देखते हुए जीएसटी पोर्टल पर एक विकल्प प्रस्तुत किया। RESET, इसके विकल्प के माध्यम से आप अपने रिटर्न में संशोधन कर सकते है, जीएसटी रिटर्न कुछ परिवर्तन करने या भरने के लिए नीचे कुछ निम्नलिखित चरण दिए गए उनका क्रमवध पालन करें।

1. जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करें

जीएसटी रिटर्न को संशोधित करने के लिए आपको सबसे पहले जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन करना होता है। और लॉगिन करने के लिए जीएसटी पोर्टल पर जाना होगा, और पोर्टल पर जाने के लिए लिंक https://www.gst.gov.in/ पर क्लिक करे। और पोर्टल खुलने के बाद Login बटन पर क्लिक करें और अपनी निजि जानकारियां जैसे password और username भरे और login बटन पर क्लिक करें।

जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन पेज
जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन पेज

2. रिटर्न डैशबोर्ड (Returns Dashboard) पर जाये

लॉगिन करने के बाद एक डैशबोर्ड पेज खुलता है पेज खुलने के बाद आप Services ड्राप डाउन पर विकल्प क्लिक करे। क्लिक करने के बाद उसमे एक ऑप्शन खुलती है जिसमे से आपको Return पर टच करना और Return Dashboard पर क्लिक करे।

रिटर्न डैशबोर्ड (Returns Dashboard)
रिटर्न डैशबोर्ड (Returns Dashboard)

3. रिटर्न फाइल (Returns File) सर्च करें

Return Dashboard चयन के बाद एक पेज खुलता है, जहाँ पर आपको फाइल रिटर्न (File Returns) सर्च करने होते है। सर्च करने के लिए आपको Financial Year और Month का भरना होता है। तथा भरने के बाद Search बटन पर क्लिक करे। क्लिक करने के बाद आपके उसी पेज पर नीचे फॉर्म की लिस्ट आ जाती है। 

रिटर्न फाइल सर्च करें
रिटर्न फाइल सर्च करें

4. जीएसटीआर 3बी फॉर्म का चयन करें

रिटर्न फाइल सर्च करने के बाद रिटर्न फाइल की सूची लिस्ट से आप Monthly Return GSTR 3B के फॉर्म का चयन करे व File GSTR-3B बटन पर क्लिक करे।

जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए File GSTR-3B का चयन
जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए File GSTR-3B का चयन

5. जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए RESET करें

जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए जब अपने File GSTR-3B बटन पर क्लिक किया, जिसके चलते आपको बहुत विकल्प मिलते है परन्तु आपको अपने चयनित फॉर्म के उल्लेखन से उन विकल्प का सेलेक्शन करना है। जिनमे आपको संशोधन करना है।

जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए चयन करें
जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए चयन करें

माना, यदि आप Eligible ITC का चयन करते है, तो चयन के बाद एक पेज खुलता है, जिसमे वही सब जानकारियां भरी हुयी होती है। जो अपने जीएसटी रिटर्न फॉर्म को भरते वक्त भरी थी।

लेकिन हमको अपने जीएसटी रिटर्न में संशोधन करना था। संशोधन करने के लिए हमको सर्व प्रथम सभी जानकारियां को RESET करना है। RESET करने के लिए दिए गए विकल्पो के नीचे एक RESET बटन दिया गया। जिस पर क्लिक करें।

जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए RESET करें
जीएसटी रिटर्न में संशोधन के लिए RESET करें

6. संशोधन करें

जब आप RESET बटन पर क्लिक करते है, तो एक WARNING के Message की स्क्रीन का पॉप-अप होता है। जहाँ आपको YES के विकल्प का चयन करना है, और जब YES के विकल्प का चयन करते है, तो एक Message स्क्रीन फिर से पॉप-अप होती है, जहाँ आपको OK का चयन करना है। ऐसा करने से जीएसटी रिटर्न फॉर्म में भरी गयी वह सब जानकारिया जो अपने जीएसटी रिटर्न भरते वक्त फॉर्म में भरी थी वह सभी रिसेट हो जाती है। और आप पुनः अपना रिटर्न फॉर्म भर सकते है।

जीएसटी रिटर्न में संशोधन
जीएसटी रिटर्न में संशोधन

ध्यान रखे:- आप अपने जीएसटी रिटर्न फॉर्म में सिर्फ एक ही बार संशोधन कर सकते है, एक बार संशोधन के बाद आप दोबार अपने फॉर्म को रिसेट (RESET) नहीं सकते।

इस प्रकार आप अपने फॉर्म को (जीएसटी रिटर्न) को संशोधित कर सकते है।

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