जैसा की आप जानते है, की भारत देश में जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर लागू हो गया है। और यह कर योजना एक उच्च स्तर की कर प्रणाली है। जिसके अंतर्गत इस कर प्रणाली के तहत पंजीकृत प्रत्येक व्यापारिओं को अपने कारोबार व व्यापार से समबन्धित जानकारियां प्रस्तुत करनी होती है। इसके लिए इस टैक्स सिस्टम में एक फीचर दिया है, जिसे (जीएसटी रिटर्न फाइल कैसे करें?) जीएसटी रिटर्न, एकत्रित या भुगतान किए गए सभी बिक्री और खरीद का विवरण होता है। जीएसटी रिटर्न फाइलिंग आमतौर पर या तो त्रैमासिक या वार्षिक आधार पर किया जाता है। एक करदाता (सामान्य परिस्थितियों में) को 3 मासिक और एक वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करना होता है। तो आज के इस लेख में हम बात करते है, जीएसटी रिटर्न क्या होता है? अथवा जीएसटी रिटर्न कैसे भरें?
इस लेख में हम चर्चा करेंगे :
- 1. जीएसटी रिटर्न क्या हैं?
- 2. जीएसटी में पंजीकरण किस व्यक्ति को करना चाहिये?
- 3. जीएसटी में पंजीकरण कैसे करें?
- 4. जीएसटी पंजीकरण करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- 5. जीएसटी रिटर्न के किस फॉर्म को भरने की जरूरत है?
- 6. जीएसटी रिटर्न के प्रकार और उनकी नियत तारीखें
- 7. जीएसटी रिटर्न कैसे भरें?
- 8. जीएसटी रिटर्न फाइल की तिथियां
जीएसटी रिटर्न क्या हैं?
जीएसटी रिटर्न, जिस व्यक्ति का जीएसटी में पंजीकरण होता हैं, उसे हर महीने या वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरना होता है। टैक्स रिटर्न का मतलब होता है किसी भी टैक्स से सम्बंधित एक प्रकार की जानकारी, जिसे टैक्स डिपार्टमेंट को बताना होता हैं। जीएसटी रिटर्न यह भी एक प्रकार के टैक्स (जीएसटी) की जानकारी प्रदान करता है जीएसटी रिटर्न में आपको विभिन्न प्रकार की जानकारी देनी होगी जैसे की –
- आप कौन-सी वस्तु या सामग्री बेच रहे हैं।
- आपकी मासिक बिक्री कितनी हुई।
- उस मासिक बिक्री पर कितना जीएसटी बनता है।
- आपने कितनी सामग्री ख़रीदी।
- उस पर कितना प्रतिशत जीएसटी, सामग्री पर मिला।
- आपने जीएसटी का भुगतान करने में सामग्री ख़रीद का कितना हिस्सा निर्धारित किया है।
- अपने कितना नकद में भुगतान किया था?
जीएसटी के सभी रिटर्न आपको ऑनलाइन जीएसटी के पोर्टल पर दाखिल करने होते है।
जीएसटी में पंजीकरण किस व्यक्ति को करना चाहिये?
जीएसटी कानून कहता है की अगर किसी व्यक्ति के व्यवसाय की वार्षिक बिक्री 40 लाख रूपये (उत्तर पूर्व राज्य में 20 लाख रूपये) से अधिक हैं। तो उसे अपना जीएसटी पंजीकरण करना चाहिए। और अपने द्वारा की गयी सभी वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई पर जीएसटी लगाना चाहिए। जिसकी टैक्स दरें हर वस्तु और सेवा पर अलग अलग हैं। कुछ वस्तुएं और सेवाएँ को जीएसटी से मुक्त किया गया हैं तो उन पर जीएसटी नहीं लगनी होती।
जीएसटी में पंजीकरण कैसे करें?
जैसा की अपने ऊपर पढ़ा, की जीएसटी के तहत किस व्यक्ति को जीएसटी में पंजीकरण करना चाहिए। वह व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 40 लाख रूपए (उत्तर पूर्व राज्य में 20 लाख रूपये) अधिक हो उन व्यापारियों को ही जीएसटी के तहत पंजीकरण करना चाहिये। तो आइये जानते है, जीएसटी के तहत पंजीकरण कैसे करें? वस्तु एवं सेवा कर के लिए पंजीकरण करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करे।
- चरण 1 :- जीएसटी के ऑनलाइन पोर्टल (www.gst.gov.in) को खुद को लॉगिन करें।
- चरण 2 :- फॉर्म ए को कम्पलीट भरें।
- चरण 3 :- फॉर्म ए भरने के बाद जीएसटी पोर्टल आपको ओटीपी के जरिये आपकी पुष्टि करेगा।
- चरण 4 :- आपने व्यवसाय से सम्बंधित सभी दस्तावेज को अपलोड करे।
- चरण 5 :- इस प्रकार आपको एक संख्या प्राप्त होगी उसके जरिये आप फॉर्म बी को भरे।
- चरण 6 :- उसके लिए आपको मोबाइल या अपने जी-मेल (Gmail) के माध्यम से आपको एक सन्दर्भ संख्या प्राप्त होगी।
- चरण 7 :- अब अधिकारी आपके पंजीकरण की पुष्टि करते है।
- चरण 8 :- 3 कार्यकारी दिन के अंतराल अगर आपका पंजीकरण में कोई भी गलतिया नहीं होती तो आप अपना पंजीकरण प्रमाण पात्र प्राप्त कर सकते है। अगर पुष्टि नहीं करते तो अधिकारी आपसे और अधिक जानकारी लेते है। जीएसटी पंजीकरण-3
- चरण 9 :- 7- कार्यकारी दिन के अंतराल आप फॉर्म पंजीकरण 4 को दस्तावेज के साथ प्रस्तुत करे।
- चरण 10 :- पंजीकरण 4 को दस्तावेज के साथ प्रस्तुत करने के बाद अगर अधिकारी आपके पंजीकरण को पुष्टि करते है तो आप अपना 7-कार्यकारी दिनों के भीतर अपना पंजीकारण प्रमाण पात्र प्राप्त कर सकते है। अगर आपके पंजीकरण को ख़ारिज करते है तो आपको जीएसटी पंजीकरण 5 में सूचित किया जायेगा।
अगर आपको जीएसटी में पंजीकरण करने की पूर्ण विधि के बारे में जानकारी लेनी है, तो आप हमारे द्वारा लिखे गए लेख (जीएसटी में पंजीकरण) से जानकारी प्राप्त कर सकते है।
जीएसटी पंजीकरण करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आपकी फोटो
- व्यापार स्थान के दस्तावेज
- बैंक खाता विवरण का दस्तावेज
- प्राधिकरण (ऑथोराइजेशन) फार्म जो आपको पंजीकरण के बाद प्राप्त हुआ।
जीएसटी रिटर्न के किस फॉर्म को भरने की जरूरत है?
जीएसटी रिटर्न फाइल के लिये जीएसटी करदाताओं को दो श्रेणी में रखा गया है एक आम पंजीकृत जीएसटी तथा दूसरा जीएसटी कंपोजिशन स्कीम। जीएसटी करदाताओं की श्रेणी के अनुसार ही विभिन्न समूहों में फॉर्म प्रदान किये है चूंकि, जीएसटी के पूर्व करदाताओं में दो प्रकार के लोग भी थे। एक आम पंजीकृत जीएसटी के साथ और दूसरा जीएसटी कंपोजिशन स्कीम के साथ।
जीएसटी कंपोजिशन स्कीम
जीएसटी कंपोजिशन स्कीम, यह छोटे कारोबारियों को हिसाब-किताब के ज्यादा झंझट से राहत देने के जीएसटी ने प्रदान की है।
- जिन लोगों का वार्षिक कारोबार 20 लाख रुपए से अधिक होता है, लेकिन 75 लाख रुपए से कम है, वे व्यक्ति जीएसटी कंपोजिशन स्कीम के तहत अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
- इसमें व्यापारियों को 1% और निर्माताओं को 2% तथा दुकान चलाने वालों को 5% की दर से टैक्स चुकाना होता है।
- इस कैटेगरी (श्रेणी) के व्यापारियों को न तो अपने ग्राहकों से जीएसटी वसूलनी होती है और न ही उसका हिसाब देना पड़ता है।
- ऐसे व्यापारी अपनी खरीदारियों के लिए जो जीएसटी चुकाते हैं, उस पर टैक्स वापसी का क्लेम नहीं कर सकते हैं।
जीएसटी रिटर्न के प्रकार और उनकी नियत तारीखें
- एक सामान्य करदाता को जीएसटी में हर महीने तीन रिटर्न जमा करने होंते है। और वर्ष के अंत में एक रिटर्न जमा करना होता है। इस प्रकार एक सामान्य करदाता को एक वर्ष में तकरीबन 37 रिटर्न जमा करने होते है।
- वही जीएसटी कंपोजिशन स्कीम छोटे- छोटे करदाताओ के लिए हैं जिनका वार्षिक कारोबार 20-75 लाख रूपये तक होती हैं| इस स्कीम के करदाताओ के लिए सरल व्यवस्था होती हैं, जिसमे की कंपोजिशन स्कीम के करदाताओं को हर तीन महीने में एक जीएसटी रिटर्न फाइल करना होगा और वर्ष के अंत में एक संयुक्त रिटर्न भी भरना होता है। इस प्रकार से कम्पोजीशन स्कीम वाले करदाताओं को काफी आसानी होती है और वर्ष में सिर्फ 5 ही कर जमा करने होते है।
1. सामान्य करदाता के लिए जीएसटी रिटर्न के प्रकार और फॉर्म
जीएसटीआर-1 :-
जीएसटीआर-1, जीएसटी रिटर्न का सबसे पहला रिटर्न फॉर्म होता है। इसमें आपको पिछले महीने में हुई सभी प्रकार की बिक्री की जानकारी होती है। इसे आप कारोबारी महीने के तुरंत बाद आने वाले महीने की 10 तारीख तक भरकर जमा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगस्त के महीने की पूरी बिक्री के लिए सितम्बर महीने की 10 तारीख तक जीएसटीआर-1 जमा कर सकते हो। इस फॉर्म में कुल 13 तरह के जानकारी आपको भरनी पड़ती हैं।
अगर आपको जीएसटी के तहत जीएसटीआर-1 फॉर्म भरने की विधि के बारे में जानना है, तो आप हमारे द्वारा लिखे गए लेख जीएसटीआर-1 कैसे भरें से पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
ध्यान दें:- जीएसटीआर-1 की नियत तारीख के बाद फाइल करने पर जीएसटी एक्ट में पेनल्टी का प्रावधान दिया गया है, जो कि 20 रु प्रति दिन (निल रिटर्न के केस में) और 50 रु प्रति दिन (NIL RETURN के अलावा केस में) लगायी जायेगी।
जीएसटीआर-2ए :-
जीएसटीआर-2ए, आपको जीएसटीआर-1 भरने की अंतिम तारीख के अगले दिन से जीएसटी साइट पर उपलब्ध हो जाता है। दरअसल, यह अलग से कोई फॉर्म नहीं होता ये सिर्फ आपको आपकी पिछले महीने की खरीदारियां की जानकारी कर सकते है व आपको बेचने वाले की जानकारी जीएसटीआर-1 में दर्ज होती है। इसी के आधार पर आपकी सभी सूचनाएं फार्म जीएसटीआर-2ए के रूप में आ जाती हैं। अगर आपको किसी भी प्रकार का बदलाव की आवश्यकता है तो 11 से 15 तारीख के बीच में ऐसा कर सकते हैं। आपके खाते के आधार पर कुछ जोड़ना है तो जोड़ सकते हैं, कुछ हटाना है तो हटा सकते हैं।
अगर आपको जीएसटीआर-2ए फॉर्म डाउनलोड करना है, तो आप जीएसटीआर-2ए फॉर्म डाउनलोड पर क्लिक करके इसे डाउनलोड कर सकते है।
जीएसटीआर-2 :-
जीएसटीआर-2 में आपको अपनी सभी खरीदारियों का ब्योरा देना होता है। पिछले महीने में आपने जो भी वस्तुओं या सेवाओं के लिए भुगतान किया हैै, उन सबकी जानकारी इसमें भरनी है। इसमें फॉर्म जीएसटीआर-2ए भी साथ ही दिखता है, जिसमें आपकी सारी बिक्रियों का विवरण भी मिलता है। इसको भरकर जमा करने की अंतिम तिथि 15 है।
जीएसटीआर-1ए :-
जीएसटीआर 1ए, यह आपको 15 तारीख से जीएसटीआर-2 फॉर्म को भरकर जमा होने के बाद जीएसटीआर-1ए आपको जीएसटी सिस्टम पर अपने आप दिखने लगता है। इसमें सारी वास्तविक या सही की हुई जानकारिया रहती हैं। विक्रेता के पास यह अधिकार होता है कि वह खरीदार की ओर से भरी गई सूचनाओं को पुनः जाँच ले।
जीएसटीआर-3 :-
जीएसटीआर-3 की अंतिम तिथि 20 होती है यह आपको 20 तारीख को अपने आप यह आपके खाते मे दिखने लगेगा। इसमें आपकी जीएसटीआर -1 और जीएसटीआर-2 में भरी हुई सभी खरीदारियों का ब्योरा होता है। दोनों तरह की जानकारियो को देखकर जीएसटी का सिस्टम अपने आप तय करता है कि आपको कितना टैक्स जमा करना है? या फिर कितना टैक्स आपको वापस देना है?
जीएसटीआर-3ए :-
जीएसटीआर-3ए फॉर्म यह सिर्फ उनके लिए होता है, जो लोग इसको किसी कारण से समय पर महीने का रिटर्न भरने से चूक जाते हैं। सरकार की तरफ से यह उनको भेजा गया एक प्रकार का नोटिस होता है जो की उनको जीएसटीआर-3ए के रूप में भरकर जमा करना होता है।
जीएसटीआर-3बी :-
जीएसटीआर-3बी एक सामान्य जीएसटी का हिस्सा नहीं है। इसके तहत जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ शुरुआती दो महीनों, जुलाई और अगस्त के लिए जारी किया है, और सामान्य रिटर्न (जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2, जीएसटीआर-3) भरने में आ रहीं है तथा अन्य व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने इसे तीनों रेगुलर रिटर्न के विकल्प के रूप में जीएसटीआर-3बी को जारी किया।
अगर आपको फॉर्म जीएसटीआर -3बी के बारे में पूर्ण जानकारी लेनी है तो आप हमारे द्वारा लिखे गए ब्लॉग जीएसटीआर-3बी कैसे भरें से पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
जीएसटीआर-9 :-
जीएसटीआर-9 फॉर्म एक प्रकार का आपका वार्षिक रिटर्न फॉर्म होता है। इसमें, आपको अपने कारोबार साल में जो हर महीने जीएसटीआर-3 जमा किया है (यानी 12 बार), उन सबकी जानकारी इसमें देनी होती है। जो टैक्स आपने साल भर में जमा किया है, तथा जो भी निर्यात या आयात किया है, उन सबका ब्योरा देना होता है।
जीएसटीआर-9 फॉर्म भरने की प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए आप जीएसटीआर-9 फॉर्म कैसे भरें नाम के लेख से पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
2. कंपोजिशन स्कीम करदाता के लिए जीएसटी रिटर्न के प्रकार और फॉर्म
जीएसटीआर-4ए :-
जीएसटीआर-4ए, यह जीएसटीआर-2ए फॉर्म की तरह होता है। इसको वही लोग भरते है जिन्होंने जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम के तहत अपना पंजीकरण कराया था। उसमे इनको हर तीन माह मे इसे जमा करना होता है। इस अवधि के दौरान की सभी खरीद का ब्योरा इसमें देना होता है। ये सभी जानकारियां विक्रेता की ओर से भरी हुई होती है जो कि उसने जीएसटीआर-1 में दर्ज की थी।
जीएसटीआर-4 :-
जीएसटीआर-4 में कंपोजिशन स्कीम के करदाताओ को पिछली तिमाही के दौरान की गई सभी विक्रय का ब्योरा देना होता है। इसमें जो जीएसटी टैक्स की देनदारी आप पर बन रही है, और जितना इस टैक्स आपने भुगतान किया है, उसका भी उल्लेख आपको करना होता है। हर तिमाही के बाद आपको उसके आगे वाले महीने की 18 तारीख तक इसको जमा करना होता है।
अगर आपको जीएसटीआर-4 रिटर्न फॉर्म दाखिल करने की पूर्ण प्रक्रिया को जानना है, तो आप हमारे द्वारा लिखे गए लेख जीएसटीआर-4 रिटर्न फॉर्म दाखिल करें से जानकारी प्राप्त कर सकते है।
जीएसटीआर-9ए :-
जीएसटीआर-9ए यह वही कर होता है जो कंपोजिशन स्कीम के तहत अपना पंजीकरण करते है उन लोगों को एक सालाना रिटर्न जमा करना होता है। इसके अंतर्गत सालभर में जो चार तिमाही रिटर्न भरी जाती है उनका ब्योरा देना होता है। कारोबार वाले वित्त-वर्ष के बाद अगले आने वाले वित्त-वर्ष में 31 दिसंबर तक इसको जमा करना अनिवार्य होता है।
3. विदेशी करदाताओं के लिए जीएसटी रिटर्न के प्रकार और फॉर्म
जीएसटीआर-5 :-
जीएसटीआर-5, उन व्यक्ति के लिए होता है जो लोग किसी अन्य देश का रहने वाला है और भारत में अपना व्यवसाय कर रहे है, तो उनको यह फॉर्म भरना होता है। इसमें आपको हर महीने की पूरी जानकारी देनी होती है, जैसे की महीने भर की बिक्री, कुल आयात तथा चुकाया गया कर और कुल वापस पाने लायक टैक्स और आपके बचे हुए माल का स्टॉक आदि। इसे व्यापारी कारोबारी महीने के अगले महीने की 20 तारीख तक जमा करना होता है।
4. निवेश वितरक सेवा के लिए जीएसटी रिटर्न के प्रकार और फॉर्म
जीएसटी में एक सेवा होती है जिसे निवेश वितरक सेवा कहते है यह सेवा एक ऐसे खरीद केंद्रों को कहा जाता है। जहाँ अपनी खरीदारियों पर चुकाए गए टैक्स की क्रेडिट का बंटवारा अपने बिक्री केंद्रों के बीच होता हैं।
निवेश वितरक सेवा की आवश्यकता जीएसटी में इसलिए पड़ी, क्योंकि कभी-कभी बहुत सी बड़ी कंपनियों के लिए माल की खरीद की जिम्मेदारी उनके मुख्य कार्यालय, या ऐसे ही कुछ अन्य अधिकृृत ऑफिसों से होती है। जहाँ उनके कई जगह पर बिक्री केंद्र होते हैं, जिनके पास सिर्फ बेचने की जिम्मेदारी होती है। और वही उनके हेड ऑफिस (मुख्य कार्यालय) के पास उसकी खरीद पर जमा किए गए जीएसटी के बदले निवेश वितरक सेवा पर इकट्ठा होता जाता है। और उधर बिक्री केंद्रों पर माल बेचने पर लिए गए जीएसटी के बदले उत्पादन कर (टैक्स) इकट्ठा होता जाता है। इसीलिए जीएसटी में निवेश वितरक सेवा जैसी धारणा की आवश्यकता है।
जीएसटीआर-6ए :-
जीएसटीआर-6ए के अंतर्गत आपको, सामान बेचने वाले अगले महीने की 10 तारीख तक अपने जीएसटीआर-1 जमा कर देते हैं। उसके बाद अगले दिन 11 तारीख तक यह फॉर्म आपके अकाउंट मेें उपस्थित हो जाता है। जिससे आपके पास आपकी सारी खरीदारियों की जानकारी रहती है।
जीएसटीआर- 6 :-
जब आपकी जीएसटीआर-6ए प्रक्रिया समाप्त होती है और निवेश वितरक सेवा की तरफ से आपकी जीएसटीआर-6ए की प्रक्रिया को पुष्टित कर देते है तो आप जीएसटी-6 में प्रवेश कर लेता है और जीएसटी-6 को निवेश वितरक सेवा की ओर से हर महीने 13 तारीख तक जमा कर देना अनिवार्य होता है।
5. ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के लिए जीएसटी रिटर्न के प्रकार और फॉर्म
जीएसटीआर-8 :-
यदि आप अपना व्यापार ऑनलाइन करते हो तो आप ई-कॉमर्स विक्रेता कहलाते हो इसके लिए भी आपको जीएसटी कर का भुगतान करना होता है इसके लिए आपको जीएसटीआर-8 पर अपना सभी का ब्योरा फॉर्म जीएसटीआर-8 में भरकर जमा करना होता है। इसको आपको कारोबार माह के अगले महीने की 10 तारीख तक इसे जमा करना होता है।
जीएसटी रिटर्न कैसे भरें?
निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं से डीलरों और उपभोक्ताओं तक, सभी करदाताओं को हर साल जीएसटी विभाग के साथ अपने कर रिटर्न दाखिल करना पड़ता है। नए जीएसटी शासन के तहत, कर रिटर्न दाखिल करना स्वचालित हो गया है। जीएसटी रिटर्न गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) द्वारा प्रदान किए गए सॉफ़्टवेयर या ऐप्स का उपयोग करके ऑनलाइन दायर किया जा सकता है जो प्रत्येक जीएसटी फॉर्मों पर विवरणों को स्वत: पॉप्युलेट करेगा। ऑनलाइन जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए नीचे दिए गए कदम हैं:-
- सबसे पहले जीएसटी पोर्टल (www.gst.gov.in) पर जाएं।
- पोर्टल पर आने के बाद लॉगिन करे। लॉगिन करने के लिए आपके राज्य कोड और पैन नंबर के आधार पर 15-अंकों का जीएसटी पहचान संख्या (जीएसटी नंबर) या UIN नंबर का उपयोग करे। जो आपको पंजीकरण के दौरान प्राप्त हुआ था।
- लॉगिन होने के बाद जीएसटी पोर्टल या सॉफ्टवेयर पर चालान अपलोड करें। प्रत्येक बिल के खिलाफ एक चालान संदर्भ संख्या जारी की जाएगी।
- चालान अपलोड करने के बाद, बाहरी वापसी, आवक वापसी, और संचयी मासिक रिटर्न ऑनलाइन दायर किया जाना है। यदि कोई त्रुटि है, तो आपके पास इसे सही करने और रिटर्न को फिर से भरने का विकल्प है।
- जीएसटी आम पोर्टल (जीएसटीएन) में सूचना अनुभाग के माध्यम से जीएसटीआर-1 फॉर्म में बाहरी महीने के पहले या उससे पहले के बाहर बाहरी आपूर्ति रिटर्न दर्ज करें।
- आपूर्तिकर्ता द्वारा प्रस्तुत बाहरी आपूर्ति का विवरण प्राप्तकर्ता को जीएसटीआर-2 ए में उपलब्ध कराया जाएगा।
- प्राप्तकर्ता को बाहरी आपूर्ति के विवरण को सत्यापित और संशोधित करना होगा, और क्रेडिट या डेबिट नोट्स के विवरण भी दर्ज करना होगा।
- प्राप्तकर्ता को जीएसटीआर-2 फॉर्म में कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं की आंतरिक आपूर्ति का विवरण प्रस्तुत करना होगा।
- आपूर्तिकर्ता या तो GSTR-1A में प्राप्तकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई आंतरिक आपूर्ति के विवरणों के संशोधन को स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है।
जीएसटी रिटर्न फाइल की तिथियां
जीएसटी रिटर्न भरने के लिए कुछ नियत तिथियां प्रस्तुत की है। जीएसटी नियम के अनुसार जीएसटी पोर्टल पर आप निम्नलिखित तिथियों तक अपना रिटर्न भर सकते है। यदि आप इनके बाद भरते है तो कुछ पेनल्टी लगती है। जो की फॉर्म और देरी पर निर्भर करती है, की आप कितने दिन लेट हो।
रिटर्न फॉर्म | रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख |
GSTR-1 | अगले महीने के 10 तारिक । |
GSTR-2 | अगले महीने के 15 तारिक । |
GSTR-3 | अगले महीने के 20 तारिक । |
GSTR-4 | तिमाही के महीने के 18 तारिक । |
GSTR-5 | अगले महीने के 20 तारिक । |
GSTR-6 | अगले महीने के 13 तारिक। |
GSTR-7 | अगले महीने के 10 तारिक। |
GSTR-8 | अगले महीने के 10 तारिक। |
GSTR-9 | अगले वित्त वर्ष के 31 दिसंबर। |
GSTR-10 | रद्दीकरण या रद्दीकरण आदेश की तारीख के 3 महीने के भीतर, जो भी बाद में हो। |
GSTR-11 | महीने के 28 वें महीने के बाद, जिस वक्त बयान दर्ज किया गया था। |